Saturday 8 May 2021

Is baar ka kumbh : इस बार का कुंभ

खरी खरी - 847 : इस बार का कुंभ

बाबा संत स्वामी नेता
बैरागी तांत्रिक औघड़
भीड़ तांता रेला
दुकान दर्शक दर्शन
आया कुंभ मेला ।

नहा लिया कुंभ
मिल गया फल
कट गए पाप
एक डुबकी से
अपने आप ।

बिका अंधविश्वास
पनपा रुढ़िवाद
नदिया के द्वार
खूब चली झोली
मन्नत की दुकान ।

चर्चा से दूर चिलम
पर -पीड़ा- पाप
परोपकार- पुण्य
प्रदूषण -विसर्जन
प्रकृति -निराकार ।

ईर्ष्या राग-द्वेष लूट
भ्रष्टाचार नशा घूस
मिलावट उत्पीड़न
अकर्मण्यता दुष्कर्म
स्नान से बेअसर ।

पाप काटने गए
कट गई जेब
लुटने के बाद
नजर आया
लुटेरों का फरेब ।

रोका नहीं कुंभ
फैली महामारी
शाही स्नानों की
खूब मारामारी
आस्था पर वोट भारी।

जब फ़ैल गया कोरोना
तब मचा गया हाहाकार
हेल्थ केयर सिस्टम पर
अचानक बढ़ गया भार
नेता ओझल जनता लाचार।

फिर भी होना नहीं निराश
बचने का हो सतत प्रयास
रामबाण है वैक्सीन मास्क
समझो लाख टके की आस।

(कुंभ के बाद देश और उत्तराखंड में कोरोना महामारी बिकराल हो गई।  उत्तराखंड में 1 अप्रैल 2021 को कुल संक्रमित केस 99515 थे और उस दिन तक मौत का आंकड़ा 1700 से कुछ अधिक था। 07 मई 2021 को ये आंकड़े क्रमशः 229993 और 3430 हो गए । आज भी स्तिथि खराब है। पिछले 24 घंटे में राज्य में 9642 केस और 140 से अधिक मृत्यु हुई हैं।  कुंभ के अलावा संक्रमण का कारण उ प्र सहित 5 राज्यों का चुनाव भी रहा । आस्था/श्रृद्धा ठीक है परन्तु अंधश्रद्धा विनाशकारी होती है। )

पूरन चन्द्र काण्डपाल
08.05.2021

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