Monday 3 May 2021

hara korona :हारा कोराना

खरी खरी - 842 : द्वि हजार बीस में हारौ कोरोना

(पिछाड़ि साल हारि गोछी कोरोना। उ दौर कि 03 मई 2020 कि कविता फिर देखो।)

चीन बै वायरस कोराना आय,
येल दुनिया कैं ही लै दे ।

तीस जनवरी द्वि हजार बीस
भारत में है पैलि तफ्तीश,
पुर देश में मची हलचल
फ़ैल कोरोना चारों दीश।
हाय रै चीना त्वील दुनिय कैं
य संताप किलै दे ? चीन...

पैल लौकडाउन ईक्कीस दिनक
दुसर हय उन्नीस दिनक,
नि थमी बीमारी फिर लगायौ न
तिसरि बार चौद दिनक।
चालीस दिनक लौकडाउनल
पुर देश कैं वसिलै दे । चीन...

लौकडाउन में यसि आफत
जो जां छीं वा वांईं रै गोयौ,
भुक मरण कि नौबत ऐ गेइ
काम धंध सब छुटि गोयौ।
हाहाकारल मजदूरों कैं
डरै बेर तिलमिलै दे । चीन...

सरकारी ऑडर ऐ गया
घर में आपण बंद रया,
जरूरी काम पड़ल जब
तबै खुट भ्यार ल्या या ।
देह दूरी के ख्याल करिया
मास्क महाव लगै दे । चीन...

मुफ्त राशन मुफ्त भोजन
सरकारों लै लगायौ जतन,
लैन भौत लाम है गा छी
कैकणी मिलौ कै नि मिलन ।
दानवीरों लै दान दी बेर
गरीबों कैं खाण खिलै दे । चीन...

एक तरफ बीमारी दहशत
दुसरि तरफ बिगड़ी बोल,
क्वे करैं रौछी देश सेवा
क्वे छणकैं रौछी जहर घोल।
अफवाहों लै कोरोना पर
रंग मजहबी चढै दे । चीन...

स्वास्थ्य कर्मी पुलिस डाक्टर
य बीच बनि गाय भगवान,
थाइ बजै बेर दी जगै बेर
देश लै कर इनर आहवान।
कर्मवीरों लै जोखिम उठै
कर्तव्य आपण निभै दे । चीन...

पूरन चन्द्र कांडपाल
03.05.2021

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