खरी खरी - 852 : गंगा बोले
गंगा बोले यमुना से
बहन व्यथित हमारे तीर
नौकायन होता था जहां
वहां तैरे मृत शरीर,
तैरे मृत शरीर कहां हैं
वोट के भिखारी ?
भाषण -आश्वासन की
कैसी कला है न्यारी,
कह 'पूरन' इनके कृत्यों से
हुआ माहौल बदरंगा
अंधा लंगड़ा बहरा तंत्र
किसे धतियाए गंगा ?
पूरन चन्द्र कांडपाल
16.05 2021
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