Monday 2 July 2018

Sanchi :सांचि

मीठी मीठी - 127 : 'सांचि'

     कुमाउनी भाषा में 'छिलुक' उपन्यासक बाद म्यर कुमाउनी नाटक 'सांचि' भौत जल्दि लोकार्पित हुणी छ । सेवानिवृत प्रधानाचार्य  डा.बी डी बेलवाल ज्यूक य नाटकक बार में कुछ शब्द -"नाटककि मुख्य पात्र 'सांचि' सैणी बचुलि कैं झुटि गवाही दीणक लिजी भौत लोभ-लालच देखा । उकैं सभापति, पटवारि, वकील और वीक मैंसल भौत डरा- धमका । जेल में बंद करणकि धमकी लै दी । वीक मैंस खिमदेवल उकैं मारौ लै पर उ नि डरि । उ आखिर तक झुटि गवाही दिहूँ राजि नि हइ । उ 'सांचि' बात पर अड़िए रै । दुसरि तरफ झुटि और रंजिशल भरी जनुलि कोर्ट- कछरिक चक्कर में आपण सबकुछ डाव लगै दीं । वीक जर- जेवर, भानकुन, वसर और जमीन लै मुकरदमबाजीकि भैंट चढ़ि जींछ । नाटक पढ़ि बेर भौत आनंद आछ । नाटकक आखिर में करीब सात सौ कुमाउनी शब्दोंक और छै दर्जन मुहावरोंक अर्थ हिंदी में दिबेर काण्डपाल ज्यूल कुमाउनी कम समझणियाँ कैं भलि सहूलियत दि रैछ ।"

     नाटक 'सांचि' में 21 किरदार छीं जनर पात्र परिचय लै जरूर द्युल । संपर्क मोब. 9871388815.

पूरन चन्द्र काण्डपाल
01.07.2018

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