खरी खरी - 269 : क्या अंध्विश्वास ने ली 11 जिन्दगियां ?
समाचारों में बताया जा रहा है कि संत नगर बुराड़ी दिल्ली में एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने 30 जून 2018 की रात फंदों से लटक कर सामूहिक आत्महत्या कर ली । इनमें 4 पुरुष, 3 महिलाएं और 4 लड़कियां थी । इनकी उम्र क्रमशः 77, 57, 50, 45, 42, 38, 33, 25, 23, 15, 15 वर्ष थी । इनमें 15 - 15 वर्ष के दो होशियार -होनहार छात्र थे जिनकी पढ़ाई के साथ ही संगीत में भी रुचि थी । लड़की अपने विद्यार्थी जीवन में स्कूल में टॉपर थी जिसकी शादी कुछ ही दिनों में होने वाली थी ।
इस परिवार के रिश्तेदार इस सामूहिक मौत को आत्महत्या नहीं मानते । वे इसे हत्या मानते हैं । सवाल उठता है कि यदि यह अंधविश्वास की जकड़ में हो रहा था तो उन दो छात्रों और उनकी दीदी ने विद्रोह कर दिया होता । सबके सब अन्धविश्वास ग्रसित नहीं हो सकते । आरुषि हत्या कांड की तरह कहीं यह सामूहिक हत्या भी अनसुलझी न रह जाय ? यदि इन 11 लोगों का जीवन अंधविश्वास ने लिया है तब भी इनको अंधविश्वास के भँवर में घुसाने वाला कौन था उसकी तलाश होनी चाहिए । हमारे देश में बहुप्रकार के अंधविश्वास की जड़ें बहुत गहरी हैं जिन्हें उखाड़ने की बात तो होती है परंतु उखाड़ने नहीं दिया जाता । ये 11 हत्याएं हमें और हमारे समाज को इस कांड पर गंभीरता से मंथन करने को आगाह करतीं हैं ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
06.07.2018
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