Monday 30 July 2018

Masmasai sab raeen मसमसै सब रईं

खरी खरी 283 : मसमसै सब रईं

मसमसै सब रईं
जोरैल क्वे क्ये नि कूं रय,
आपणि आपणि है रै
क्वे कैकि नि सुणै रय ।

आब नानतिन लै
आपण मना क हैगीं
जता जस मन औंछ
उता उस करैं फैगीं,
मै बाप कैं हर बखत
बाघ जस देखैं फैगीं,
समझूण में कै दिनी
तुमार बात पुराण हैगीं,
बाव कैं दे भुलिगो
बुड़ आब रै नि गय ।
मसमसै....

मसाण  - जागर मैं
सब डुबि रईं,
गणतू - पुछ्यारूं क
पिछलगू बनि गईं,
गांठ- पताव ताबीजों क
माव जपैं रईं,
बकार - कुकुड़ खां रीं
परया जेब काटैं रईं,
अंधविश्वास में डुबि रीं
क्वे कैकं नि रोकैं रय,
मसमसै सब रईं
जोरैल क्वे क्ये नि कूं रय ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
30.07.2018

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