Sunday 8 July 2018

Kapotari devi : कपोतरी देवी

खरी खरी - 271 : एक छी कपोतरी देवी


    उत्तराखंडकि तीजन बाई, पिथौरागढ़क क्वीतड़ गौंक रौणी सुप्रसिद्ध लोकगायिका कुमाउनी गिदार कपोतरी (कबूतरी) देवीक लंबी बीमारीक बाद 6 जुलाई 2018 हुणि 73 वर्षकि उमर में निधन हैगो ।  ऊँ कभैं इस्कूल नि गाय और उनरि जन्मदिनकि लै के खबर न्हैति । 1970-80 क दौर में उनूल कुमाउनी में गीत गुनगुनाण शुरू करौ । उनार बौज्यू देवरामल जो एक मिरासी छी उनुकैं गीत - संगीत बचपन बटि सीखा ।  उनार मैंस दिवानी रामल लै उनुकैं गीत-गायन विधा में प्रोत्साहित करौ ।


       कपोतरी ज्यूल हारमोनियम में आपण गीतों कैं संगत दी । आकाशवाणी लखनऊ और नजिमाबाद में लै उनार गीतों कि रिकार्डिंग हैछ । उनूल 100 है ज्यादै गीत प्रस्तुत करीं जमें बै 'आज पनी जौं जौं... और पहाड़ो ठंडा पाणी... लोगों जुबान पर हमेशा रईं । उनार तीन नान छीं । च्यल पलायन करि बेर क्वे मैदानी क्षेत्र में छ । ठुलि चेलि मंजू और नानि हेमा छ । द्विनूं कैआपण परिवार छ । 


     कपोतरी ज्यूक पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में इलाज चलि रौछी । उनुकैं भल इलाज करणक लिजी पिथौरागढ़ बै भ्यार नि भेजि सक । मरण तक उनरि सेवा उनरि 18 साल कि नातिणि रिंकूल करी । उनरि चिता कैं आग उनरि नानि चेलि हेमाल दे । हेमाल आपणि इज कि चिता कैं आग दी बेर समाज कैं य संदेश दे कि च्यल - चेलि एक समान छीं । कर्मकांडक ठेकेदारों कैं भलेही य बात नि पचा पर हेमाल एक भौत भल संदेश दे य दुनिय कैं । आपणि इजकि चिता कैं आग दीणक लिजी कैक ऐसान नि ल्हि ।


     कपोतरी ज्यू कैं 2013 में संस्कृति सम्मान और 2016 में लाइफ अचीवमेंट सम्मान उत्तराखंड सरकारल दे । 22 नवंबर 2014 हुणि उनुकैं उत्तराखण्ड लोकभाषा साहित्य मंच दिल्ली (प्रयोजक DPMI) द्वारा कांस्टीट्यूसन क्लब नई दिल्ली में महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल सम्मानल सम्मानित करीगो जमें उनुकैं इक्कीस हजार रूपें और प्रसस्तिपत्र एवं अंगवस्त्र भेंट करीगो । य मौक पर कएक सहित्यकारों दगाड़ मी लै उ सभागार में मौजूद छी ।


      कपोतरी ज्यू कैं विनम्रतापूर्वक श्रद्धाजंलि । दूर-दराज पहाड़ में एक गरीब मिरासी घर में पैद हई य सैणी मरण है पैली आपण हुनरल आपण नाम अमर करिगे । उनूल हमरि भाषा कि आपण गीत -संगीत और शब्द-सम्पदाल खूब  स्याव करी । एक हजार रूपें मासिक पिलसनल गुजार करनै उनर जीवन कना में ई कटियौ । उत्तराखंड सरकारल कपोतरी ज्यूक नाम पर एक पुरस्कार स्थापित करण चैंछ । य ई उनुकैं सांचि श्रद्धांजलि ह्वलि । 


पूरन चन्द्र काण्डपाल

09.07.2018

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