Saturday 24 February 2018

Vot aur baigan : वोट और बैगन

खरी खरी - 184 : वोट और बैगन

      एक समझदार गृहणी टोकरी के सभी बैगन सड़ कर दागी हो जाएं और सब्जी का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो तो वह उस बैगन को छांटती है जो कम सड़ा हो और सब्जी का जुगाड़ कर लेती है । हमें अपना वोट भी उस व्यक्ति को देना चाहिए जिसकी छवि बेदाग़ हो या जो अन्य से कम सड़ा या दागी हो । नोटा के प्रयोग से भी लाभ नजर नहीं आया, उलटे उसे वोट अंतर से जीतने का लाभ मिल गया जिसे आपने चाहा नहीं ।

        राज्य की राजधानी गैरसैण बनाने, अपनी भाषा को मान्यता देने, मुजफ्फरनगर के नरपिशाचों को सजा देने, राज्य में चारों रेल मार्गों का निर्माण कार्य तेजी से करने तथा राज्य के प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्रों की दशा सुधारने, शिक्षा की गुणवत्ता को बनाने और पलायन पर विराम लगाने सहित भ्रष्टों, दलबदलुओं, चरित्रहीनों और बेपैदे के लोटों का साथ नहीं देने वाले उम्मीदवार ने सिर्फ अपना उल्लू साधा । याद रहे जब भी आपको वोट देने का अवसर मिले, प्रजातंत्र में आपका पवित्र वोट बिके नहीं और बिना लोभ-लालच के उस व्यक्ति को मिले जिसमें आपको देश हित, समाजहित और जनहित दिखाई देता हो ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
25.02.2018

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