खरी खरी - 183 : भ्रष्टाचार की बेहद खराब स्थिति
एक राष्ट्रीय दैनिक हिंदी समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट के अनुसार भ्रष्टाचार को लेकर भारत के सरकारी क्षेत्र की छवि दुनिया की निगाह में अब भी खराब है । अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इन्टर्नेसनल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल करप्शन इंडेक्स-2017 में दुनिया के 180 देशों में भारत को 81वें स्थान पर रखा गया है । देश को विभिन्न कसौटियों में 100 में से 40 अंक मिले । अंक भ्रष्टाचार के हिसाब से दिये जाते हैं अर्थात जितने कम अंक उतना अधिक भ्रष्टाचार व्याप्त होना माना जाता है ।
ट्रांसपेरेंसी इन्टर्नेसनल के अनुसार, 'पूरे एशिया- प्रशांत क्षेत्र के कुछ देशों में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों को धमकियां दी जाती हैं । कहीं कहीं तो उनकी हत्या भी कर दी जाती है । इन देशों में 6 वर्ष में 15 ऐसे पत्रकारों की हत्या हो चुकी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्य करते थे । इस सूची में चीन 77वें और रूस 135वें स्थान पर हैं जबकि सीरिया, सूडान और सोमालिया क्रमशः 14, 12 और 9 अंक के साथ सबसे नीचे हैं । न्यूजीलैंड और डेनमार्क सबसे कम भ्रष्ट हैं जिन्हें क्रमशः 89 और 88 अंक प्राप्त हुए ।
हमें अपने देश की चिंता है । हमारे देश में सरकारी क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा । वर्तमान PNB बैंक घोटाला बहुत दुःखित करता है जिसमें ऐसा लगता है कि यह कांड सबकी मिलीभगत से हुआ । रेल में पुलिस के वे वीडियो आम हैं जिसमें ड्यूटी करने वाला पुलिसमैन यात्रियों से उघाई करता है । ट्रैफिक पुलिस भी जेब भरती है, रेड़ी-ठेले वालों को सड़क पर अवैध कब्जा देकर हफ्ता लिया जाता है । कहाँ तक गिनवायें, यत्र - तत्र - सर्वत्र भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है । कानून तोड़ने वालों को पुलिस या कर्मचारी सह देते हैं और बदले में कीमत वसूलते हैं । यही भ्रष्टाचार का ऐवरग्रीन चक्र है ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
24.02.2018
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