Saturday 17 February 2018

Bachche aur pm : प्रधानमंत्री और बच्चे

खरी खरी - 178 : बच्चे और प्रधानमंत्री

    मुझे अब तक के सभी चौदह  प्रधानमंत्रियों - सर्वश्री जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, श्रीमती इंदिरा गांधी मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्र शेखर, पी वी नरसिंम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, एच डी देवेगौड़ा, इन्द्र कुमार गुजराल, डा. मनमोहन सिंह और नरेन्द्र दामोदरदास मोदी तथा दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे गुलजारी लाल नंदा को सुनने -पढ़ने का यदाकदा अवसर मिला । लगभग सभी ने राष्ट्र-निर्माण, तरक्की, खुशहाली, अमन-चैन, सर्व-धर्म समभाव और भाईचारे से मिलजुलकर रहने की बात कही । अपने आह्वान में सभी ने बच्चों को सम्मिलित किया ।

     16 फरवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर के विद्यार्थियों से परीक्षा पर चर्चा की । इस चर्चा में उन्होंने बच्चों से आत्मविश्वास बढ़ाने, मन-बुद्धि- आत्मा को एकाग्र करने, दोस्तों से स्पर्धा नहीं करने, माता-पिता-गुरुजनों का सम्मान करने, अभिभावकों को अपना मित्र बनाने, परीक्षा अंकों व परिणाम की चिंता नहीं करने का संदेश  दिया । प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने भी बच्चों को लगभग ऐसे संदेश दिये थे । बच्चे उनसे प्यार से 'चाचा नेहरू' कहते थे । उनका जन्मदिन 14 नवम्बर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

      निःसन्देह मोदी जी की सीख बहुत अच्छी है और बच्चों ने उनकी टिप्पस पर गौर करना चाहिए । कलाम अंकल (पूर्व राष्ट्रपति ए पीजे अब्दुल कलाम) भी बच्चों की अक्सर क्लास लिया करते थे । लगभग सभी बालदिवसों पर प्रत्येक प्रधानमंत्री ने बच्चों को कुछ न कुछ संदेश दिया है । बच्चे तभी अपना भविष्य उज्ज्वल बना पाएंगे जब वे उचित समय प्रबंधन (सभी कार्य समय से)' निष्ठा, निरंतरता, अनुशासन और कठिन परिश्रम से लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ेंगे । इसमें अभिभावकों और शिक्षकों एवं स्कूल तथा घर के वातावरण का योगदान भी अति आवश्यकीय है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
18.02.2018

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