Monday 19 February 2018

Kort mein gandagee : कोर्ट परिसर में गंदगी

खरी खरी - 180 : कोर्ट परिसर में भी कानून अवहेलना

     हमारे देश में कानूनों की कमी नहीं है परन्तु हर कदम पर कानून की अवहेलना एक आम बात है । कानून का लोगों को बिलकुल डर नहीं है क्योंकि अवहेलना खुलेआम है और दंड बिलकुल नहीं । कानून बना कर इसे किनारे पर रख दिया जाता है । कानून लागू करने वालों या कानून के प्रहरियों से कोई पूछने वाला नहीं है । ट्रैफिक का उल्लंघन, रात को हॉर्न बजाना -पटाखे चलाना, कहीं पर भी कूड़ा फेंकना या लघु-दीर्घ शंका मिटाना, कानून की पाबंदी के बाद भी खुलेआम होता है ।

     देश की राजधानी स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर के अंदर धूम्रपान- गुटखा खाना मना है जिसका वर्ष 2004 से कानून तोड़ने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना है । परिसर में इस कानून की जमकर अवहेलना हो रही है और आजतक एक भी चालान नहीं काटा गया । अवहेलना का एक चित्र यहां उधृत है । इस कानून के होर्डिंग्स भी वहां लगे हैं । कोर्ट परिसर में धूम्रपान भी जारी है । वर्ष 2004 के कानून के अनुसार सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान और गुटखा-तम्बाकू खाना मना है ।

      कानून की अवहेलना वह भी न्याय के मंदिर परिसर में अकल्पनीय है, असहनीय है लेकिन फिर भी वहां यह अवहेलना होती है तो इसे कानून का मजाक ही कहा जायेगा ।  उस परिसर में कार्यरत कानून के पहरेदारों की निगहबान बंद आंखें कब खुलेंगी ?

पूरन चन्द्र काण्डपाल
20.02.2018

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