Sunday 4 February 2018

Gairsain pancheshwar : गैरसैण पंचेश्वर

खरी खरी - 168 : गैरसैण और पंचेश्वर

     03 फरवरी 2018 को  प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली में एक विचार गोष्ठी का आयोजन अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा भारत, अल्मोड़ा ग्राम कमिटी दिल्ली ग्रीन फोरम इंडिया तथा उत्तराखंड चिंतन संस्थाओं द्वारा किया गया । सम्मेलन में उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण शीघ्र बनाने और पंचेश्वर बांध के निर्माण को रोकने के लिए सर्वसम्मति से आवाज उठाई गई ।

   उत्तराखण्ड की राजधानी बनाने के बारे में 11.01.2001 को सरकार ने दीक्षित आयोग का गठन किया जिसने 8 वर्ष बाद 31.07.2008 को अपनी रिपोर्ट दी ।  दीक्षित आयोग को कुल 268 सुझाव मिले जिसमें  से 142 गैरसैण के पक्ष में  तथा 42 देहरादून के पक्ष में थे । शेष सुझाव कुछ अन्य जगहों के लिए थे ।  सुझावों से स्पष्ट था कि 70% लोगों ने गैरसैण को राजधानी बनाने के लिए मुहर लगाई । 1994 में कौशिक समिति ने भी गैरसैण को ही राजधानी के लिए उपयुक्त जगह बताया । गैरसैण उत्तराखंड का केंद्र बिंदु है जो 13 जिला मुख्यालयों से लगभग 6 से 10 घंटे सड़क मार्ग से दूरी पर है । वक्ताओं एवं उपस्थित जनों ने सर्वसम्मति से आने वाली 9 फरवरी को राजधानी गैरसैण हेतु प्रधानमंत्री को ज्ञापन देने के प्रस्ताव को पारित किया जिसके लिए 9 फरवरी 2018 लोग दोपहर 12 बजे प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली पर एकत्र होकर ज्ञापन देने हेतु कूच करेंगे ।

     दूसरा मुद्दा पंचेश्वर बांध निर्माण के बारे में था जिसका निर्माण नहीं होने देने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ । सरकार सरयू-काली के संगम पर 315 मीटर ऊंचा बांध निर्माण करने जा रही है । बताया जा रहा है कि इस बांध निर्माण से चंपावत- पिथौरागढ़ के 250 गांव डूब जॉयेंगे और जमीन का 25 वर्ग की मी क्षेत्र पानी में समा जाएगा जिससे लगभग 39000 लोग प्रभावित होंगे । इसी तरह नेपाल को भी इस बांध के निर्माण से बहुत हानि होगी । सभी वक्ताओं ने टिहरी बांध निर्माण से उत्पन्न समस्याओं को उजागर करते हुए पंचेश्वर बांध के निर्माण को मानव, जंतु, वनस्पति और पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक बताया ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
04.02.2018

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