मीठी मीठी - 628 : ट्रक चालकों का आभार - मीराबाई चानू
23 जुलाई 2021 को 2020 टोक्यो जापान ओलंपिक के पहले ही दिन मीराबाई चानू ने भारत की झोली में पहला रजत पदक डाला। 26 जुलाई 2021 को स्वदेश पहुंचते ही उनका शानदार स्वागत हुआ और मणिपुर सरकार ने उन्हें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद से सुशोभित करने के साथ उन्हें एक करोड़ रुपए की राशि भी भेंट की । चानू ने 49 केजी महिला ग्रुप में भारोत्तोलन में रजत पदक जीता था।
मीराबाई चानू मणिपुर के नौंगपौंग काकचिंग गांव की रहने वाली हैं जो उनकी खेल अकादमी इंफाल से 25 किलोमीटर दूर है । चानू के पास प्रतिदिन घर से इंफाल आने और फिर वापस जाने के लिए कोई साधन नहीं था। इस मार्ग पर कोई बस भी नहीं थी। इस विकट दौर में रेत ढोने वाले ट्रक चालक उन्हें आने -जाने के लिए लिफ्ट देते थे। ये क्रम कई वर्ष तक चला। चानू ने 5 अगस्त 2021 को 150 ट्रक चालकों व उनके हेल्पर को अपने घर आमन्त्रित कर उनके साथ भोजन किया और उन्हें उपहार देकर उनका आभार जताया। चानू ने कहा, "यदि आप लोग मेरी मदद नहीं करते तो आज मैं यह पदक कैसे जीत पाती ? यह सब आपके सहयोग के बदौलत हुआ है। मैं आप सभी की ऋणी हूं। मुझे आशीर्वाद देते रहें। " सभी ट्रक चालक चानू के इस अथाह स्नेह से आत्मविभोर हो गए।
मीराबाई चानू का ट्रक चालकों के प्रति उन्हें अपने घर बुलाकर आभार जताना एक बहुत प्रेरक संदेश देता है कि हमें जीवन संघर्ष में साथ देने वालों को सफलता के बाद नहीं भूलना चाहिए बल्कि उनके उस सहयोग को हमेशा याद रखना चाहिए जिसके बदौलत हमें लक्ष्य की प्राप्ति हुई। मीराबाई चानू को रजत पदक जीतने की बधाई के साथ उनके इस विनम्र व्यवहार के लिए साधुवाद के साथ शुभकामना और जयहिंद ।
पूरन चन्द्र कांडपाल
09.08.2021
No comments:
Post a Comment