खरी खरी - 900 : कटु सत्य : राम और रावण
यदि आप रास्ते में चल रहे हैं और आपको वहां पड़ी हुई राम जी की और रावण की दो मूर्तियां मिले और आपको एक मूर्ति उठाने का कहा जाए तो अवश्य आप राम की मूर्ति उठा कर घर ले जाओगे क्योंकि राम सत्य, निष्ठा, मर्यादा, कर्म और सकारात्मकता के प्रतिक है और रावण छल - कपट और नकारात्मकता का प्रतिक है ।
अगली बार आप फिर से उसी रास्ते पर चल रहे हों और रास्ते में पड़ी हुई राम जी और रावण की दो मूर्तियां मिल जाएं जिनमें राम की मूर्ति पत्थर की हो और रावण की सोने की हो और आपसे एक मूर्ति उठाने को कहा जाए तो आप राम जी की मूर्ति छोड़ कर रावण की सोने की मूर्ति ही उठाएंगे । (अपवाद को छोड़कर ) । इसका अर्थ हुआ कि हम सत्य और असत्य, सकारात्मक और नकारात्मक अपनी सुविधा और लाभ के अनुसार तय करते हैं ।
एक कटु सत्य यह भी है कि 99% प्रतिशत लोग भगवान को सिर्फ अपने लाभ और डर की वजह से पूजते है । आज तक किसी ने नहीं कहा कि है भगवान तेरा भला हो । जब भी भगवान की पूजा होती है कुछ न कुछ मांग भगवान के सम्मुख रख दी जाती है । कई बार तो भगवान के सामने शर्त रखी जाती है कि हे भगवान मेरा अमुक काम बन जाएगा तो तुझे प्रसाद चढ़ाऊंगा । मन्नत भी इसी क्रिया का अंश है । स्वयं से सवाल पूछने की जरूरत तो है ।
पूरन चन्द्र कांडपाल
03.08.2021
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