खरी खरी-903 : गैर कानूनी है प्रेसर हॉर्न और हूटर
शहरों में, महानगरों में, कस्बों में या सड़क किनारे आवासों में हम सब वाहनों के प्रेसर हॉर्न और हूटर से दुःखी हैं । प्रेसर हॉर्न/हूटर से उपजा असह्य शोर रोगियों, बच्चों, विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों में यह सिरदर्द, तनाव, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अपच और तंत्रिकातंत्र के रोगों का मुख्य कारण बन गया है । वर्तमान में सड़क पर उच्च प्रेसर हॉर्न, मल्टीटोन हॉर्न, मोडिफाइड हॉर्न/हूटर आदि वाहनों पर लगा कर लोग समाज की परवाह नहीं करते हुए धड़ल्ले से बजाते हुए निकल पड़ते हैं । रात्रि में हॉर्न निषेध है परन्तु ये लोग रात को भी हॉर्न बजाते हैं । इनकी हरकत पुलिस जानती-देखती है परन्तु मौन रहती है । ट्रक का हॉर्न दुपहिया वाहनों पर लगा है जो सबसे खतरनाक है । हूटर केवल एम्बुलेंस, फायर सर्विस और पुलिस द्वारा आपतकाल में बजाया जाता है। आजकल कई नेता भी अपने वाहनों में हूटर लगा रहे हैं उन्हें कौन रोकेगा ?
एक साल पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रेसर हॉर्न से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण पर एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर जबाब मांगा है । याचिका में कहा गया कि कई बार पुलिस से शिकायत करने पर भी पुलिस ने समाज को दुखी करने वाले असामाजिक तत्वों पर कोई कारवाई नहीं की ।
जब सरकार न सुने, पुलिस न सुने और तंत्र बहरा हो जाये तो लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं । न्याय की गुहार लगाना भी सरकारों को न्यायपालिका का दखल नजर आता है । जनता जाए तो जाए कहाँ ? उम्मीद है न्यायालय के इस आदेश से हमारे तंत्र में कुछ चेतना आएगी । कानून की अवहेलना करने वाले आज भी खुलेआम जोर जोर से प्रेसर हॉर्न बजा रहे हैं । कुछ बाइक पर तो ट्रक या कार का हॉर्न बजाया जाता है । इनसे सख्ती से निपटा जाए ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
13.08.2021
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