Saturday 3 July 2021

masmasai ber ke ni hun : बेर के नि हुन

खरी खरी - 883 : मसमसै बेर के नि हुन। 


 


मसमसै बेर के नि हुन


बेझिझक गिच खोलणी चैनी,


अटकि रौछ बाट में जो दव


हिम्मतल उकैं फोड़णी चैनी ।

अन्यार अन्यार कै बेर


उज्याव नि हुन,


अन्यार में  एक मस्याव


जगूणी चैनी । 


मसमसै..

क्ये दुखै कि बात जरूर हुनलि


जो डड़ाडड़ पड़ि रै,


रुणी कैं एक आऊं 


कुतकुतैलि लगूणी चैनी ।


मसमसै बेर...

कोरोनाक य दौर में


कुछ बेसउरि देह दूरी नि धरैं राय 


नाक -गिच पर मास्क नि लगूं राय 


यूं दुर्योधनों कैं पकड़ि बेर 


महाव लगूणी चैनी ...

पैली लोग वैक्सीन देखि डरैं राछी


आब वैक्सीन मिलण नि रइ


बेकारक होहल्ल छोड़ि बेर


वैक्सीनक इंतजाम करणी चैनी...

कोरोना कि तलवार आजि लटकिए छ


य तलवार कैं पकड़ि बेर कुनणी चैनी


कोरोनाल देश कैं बचूंणी चैनी...


मसमसै बेर के नि हुन


बेझिझक गिच खोलणी चैनी...

पूरन चन्द्र कांडपाल


04.07.2021


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