Tuesday 6 July 2021

Jindagika haal : जिंदगी क हाल

खरी खरी - 885  जिंदगी क हाल 

जिन्दगी उकाव 

जिन्दगी होराव,

कभैं अन्यार औंछ येमें 

कभैं छ उज्याव ।

सुख दुखा बादल येमें 

आते जाते रौनी,

सिद बाट कम येमें

टयाण ज्यादै औंनी । 

कभैं यां तुस्यार जौ लागूं

कभैं तात मुछ्याव ।

जिन्दगी...

कैं खुशी का नौव येमें

कैं दुख कि गाड़,

कैं छ गुलाब- हांजरी

कैं कना कि बाड़ ।

कैं सुखी गध्यार येमें 

कैं पाणी का पन्याव ।

जिन्दगी...

जिन्दगी क म्यल मजी

मैंस कसा कसा,

गिरगिट जौस रंग देखूनी

आँसु मगर जसा ।

कैं भुकणी कुकुर येमें

कैं घुरघुरू बिराउ ।

जिन्दगी...

जिन्दगी में औनै रनी 

रस कसा कसा,

कैं कड़ुवा नीम करयाला

कैं मिठ बत्यासा ।

कैं खट्ट अंगूर येमें 

कैं मिठ हिसाउ ।

जिन्दगी...

कैहुणी नागफणी येमें

कैहुणी क्वैराव,

कैहुणी लंगण छीं यां 

कैहुणी रैंसाव ।

कैहुणी यौ मिठी शलगम

कैं क्वकैल पिनाउ ।

जिन्दगी...

कैहुणी किरमाडू छ य

कैहुणी कांफोव,

कैहुणी बगिच कैहूणी

घनघोर जंगोव ।

कैहुणी धान कि बालड़ि

कैहुणी पराव ।

जिन्दगी...

कैहुणी छ झोल येमें

कैहुणी गुलाल,

क्वे उडूँ रौ मुफत की

कैक हूं रौ हलाल ।

क्वे मानछ धान ख़्वारम

क्वे लगूं दन्याव ।

जिन्दगी...

उकाव -होराव मजी

सब छीं रिटनै,

कैं दगड़ी मिलि जानी

हिटनै - हिटनै ।

जै पर यकीन करौ

वील करौ छलाव ।

जिन्दगी...

के तू यां लि बेर आछै

के तू यां बै लि जलै

के ट्वील यां कमा

सब यां ई छोडि जलै।   

तेरि  नेकी बदी कौ

रै जालौ लिखाव ।

जिंदगी...

पूरन चन्द्र काण्डपाल

07.07.2021

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