Sunday 18 July 2021

Imaandaari ke paharuve : ईमानदारी के पहरुवे

बिरखांत – 384 :  ईमानदारी के पहरुवे

    कलम घिसते-घिसते चार दसक बीत गए हैं | लगभग सभी विधाओं, सभी समस्याओं और सभी कुप्रथाओं पर लिखा | अन्याय, दुराचार, अंधविश्वास, भ्रष्टाचार, बेईमानी और ईमानदारी पर भी लिखा | ईमानदारी का पहरुआ बनना या आर टी आई कार्यकर्ता - व्हीसिल ब्लोवर बनना आसान काम नहीं है | सिर पर कफ़न बाँध कर चलना पड़ता है इस काम में |  इन बड़ा जिगरा रखने वालों के बारे में मैं एक दिन यों ही सोच रहा था कि अखबार में छपी एक खबर ने मुझे झकझोर दिया | छपा था, ‘नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया के इंजीनियर सत्येन्द्र दुबे, निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने में (नवम्बर 2003) मारे गए’|

       इसके बाद कई ईमानदारी के पहरुओं के मारे जाने के समाचार अखबारों में छपते रहे | ये थे, इंडियन आयल कारपोरशन के इंजीनियर मंजूनाथ जिन्होंने 2005 में उ.प्र. लखीमपुर में पेट्रोल में मिलावट करने का पर्दाफास किया था, बी डी ओ कलोल जिन्होंने 2008 में मिदिनापुर प.ब. में नरेगा में धांधली पकड़ी थी, सामाजिक कार्यकर्ता सतीश शेट्टी जिन्होंने 2010 में पुणे में भूमि घोटालों को उजागर किया था और सामाजिक कार्यकर्ता अमित जेठुआ जिन्होंने 2010 में अहमदाबाद में अवैध खनन की बखिया उधेड़ी थी |

     माफियाओं द्वारा मौत के घाट उतारे जाने वालों की यह संख्या आज सकैडों में पहुँच गयी है | संतो के नाम को कलंकित करने वाले कारागार में बंद दुष्कर्मियों के दुष्कर्म को उजागर करने वाले कई गवाह भी इसी क्रम में काल- कवलित हुए हैं | म.प्र. व्यापम घोटाले में चार दर्जन संदर्भित -गवाह भी इसी क्रम में बेमौत मारे गए हैं | इस घोटाले से लाखों अयोग्य व्यक्ति योग्य बनकर आज समाज को सजा दे रहे हैं  | अन्धविश्वास विरोधी आन्दोलन चलाने के कारण पुणे में नरेंद्र दाभोलकर को अगस्त 2013 में  और सी पी आई नेता गोविन्द पंसारे को फरवरी 2015 में अंधविश्वास के पोषकों ने गोली मरवा दी | इन सभी को मारने वाले आज तक कानूनी सिकंजे से दूर हैं | समाज से बेईमानी और भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हुए हैं।  हमारे इर्द-गिर्द कुछ भी गलत हो रहा हो उस पर मुंह खोलना, उसे उजागर करना या गांधीगिरी के साथ उसका विरोध करना, जिन्दी लाश बनकर तमाशा देखने या मसमसा कर रह जाने से कहीं अच्छा है | हम जिन्दी लाश हैं या नहीं, यह हमें स्वयं से एक दिन अवश्य पूछना पड़ेगा । इन सभी ईमानदारी पर बलि चढ़ने वालों को विनम्र श्रद्धांजलि।

पूरन चन्द्र कांडपाल
19.07.2021

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