Monday 4 June 2018

Sangharsh viram galat : संघर्ष विराम गलत

खरी खरी - 250 : संघर्ष विराम गलत

     जब पाकिस्तान भारत से आमने-सामने की लड़ाई में हारते चला गया तो उसने 1989 से जम्मू-कश्मीर में छद्म युद्ध शुरू कर दिया । छद्म युद्ध का भी हमारी सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने डटकर मुकाबला किया । जब छद्म युध्द से उसे उचित सफलता नहीं मिली तो 2007 से उसने कश्मीर में पत्थरबाजों को सक्रिय कर दिया । पत्थरबाजों में वे युवा हैं जो शिक्षा और रोजगार से वंचित हैं । पाकिस्तान ने इन युवाओं को पत्थरबाजी के लिए मजदूरी देनी आरम्भ कर दी जो विगत 11 वर्षों से जारी है ।

     इस बीच रमजान का महीना आया और सरकार ने एकतरफा संघर्ष विराम तो घोषित कर दिया परन्तु इसका असर पत्थरबाजों पर नहीं पड़ा और शांति बहाली की कोशिश शिथिल पड़ गई । इधर हमारे सैनिकों की लगातार शहीदी हो रही है । दो दिन पहले ही तिरंगे पर लिपट कर हमारे दो शहीदों के पार्थिव शरीर उनके स्वजनों के पास पहुँचे हैं ।

     कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद थम नहीं रहा है । हमारी अमन बहाली की कोशिशें बेकार गईं हैं । अतः सरकार को अब शीघ्र ही संघर्ष विराम की घोषणा को निरस्त कर देना चाहिए और आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जबाब देना चाहिए जिससे 'ओप्रेसन आल आउट' को बल मिले औऱ जम्मू,-कश्मीर से आतंकवाद का जड़ से सफाया हो ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
05.06.2018

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