उजाले की ओर
खरी खरी - 261 : चैनलों पर बने रहो
काम कुछ करो नहीं बस सुर्खियों में बने रहो, टैन्ट खाली हो भलेही सड़क पर जमे रहो, कर्म न हो, नीति न हो बनी रहे भयभीति मगर, मूठ थामो झूठ की और चैनलों पर बने रहो ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल 23.06.2018
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