Tuesday 19 June 2018

Gurdwaron mein laudspeekar : गुरुद्वारों में लाउडस्पीकर बंद

खरी खरी - 260 : गुरुद्वारों में ध्वनि प्रदूषण बंद

     एक समाचार के अनुसार शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर (अकाल तख्त साहब अमृतसर ) जो कि सिक्खों की सर्वोच्च धर्म सभा/संस्था है ने 14 जून 2018 को एक प्रस्ताव पारित किया है कि ध्वनि विस्तारक (लाउडस्पीकर) की आवाज गुरुद्वारा परिसर से बाहर न जाय । इस तरह ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए इस प्रस्ताव की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है । हम मुक्त हृदय से इस संस्था को जयहिन्द कहते हैं, सलूट करते हैं और विनम्रता से सतश्रीअकाल कहते हैं । समाज के हित में आपने बहुत अच्छी पहल करते हुए सबको प्रफुल्लित किया है ।

       इस नेक पहल को, बाकी धार्मिक संगठनों ने भी खुले दिल से अंगीकार करना चाहिए । सभी धर्मों को हठ छोड़कर मंदिरों/मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाने के लिए समाज के हित में पहल करनी चाहिए । विशेष उत्सव पर अनुमति लेकर लाउडस्पीकर का प्रयोग हो सकता है । आज भी संत शिरोमणि कबीर के दोहे 'पाथर पूजे हरि... ' और 'कांकर-पाथर जोड़ कर...' प्रासंगिक हैं । आज समय आ गया है जब हमें प्रथा- परम्परा के नाम पर रुढ़िवाद और अंधविश्वास को किनारे करने की जरूरत है । लाउडस्पीकर के शोर से समाज को मुक्ति मिलनी ही चाहिए ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
19.06.2018

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