Tuesday 19 June 2018

Pattharbaaj kaayr : पत्थरबाज कायर

खरी खरी - 260 :   पत्थरबाजों  की कायरता

     हाल ही में कश्मीर में कई ऐसे दृश्य देखने में आए जब अलगाववादियों के बहकावे में आकर भटके हुए पत्थरबाजों ने हमारे सैनिकों पर जिस्मानी हमला किया । सैनिकों ने संयम और अनुशासन का उत्कृष्ट नमूना पेश करते हुए पत्थरबाजों पर बहुत नरमी बरती है । सैनिकों के पास हथियार भी होते हैं जिसके चैंबर की गोली ट्रैगर दबाते ही कुछ ही सेकेंड में इन सिरफिरों का काम तमाम कर सकती है । हमारी सेना बेमिसाल है, उसका अनुशासन विश्व में सर्वोपरि है । सैनिकों को विकट स्थिति में भी गोली चलाने का आदेश नहीं होता जिसे सेना निभाती है ।

     कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है । विलय पत्र में महाराजा हरिसिंह ने हस्ताक्षर किए हैं । महाराजा का राज्य गुलाम कश्मीर (ना'पाक अधिकृत कश्मीर) तक था । कश्मीर के भोलेभाले युवाओं को भड़का कर पत्थरबाज बनाने वाले अलगावववादी नेताओं को अब सीखचों नें बंद करने का समय आ गया है जिसमें अब देर नहीं होनी चाहिए । काश ! ये पत्थरबाज समझपाते कि जो लोग चंद रुपयों के बदले उनके हाथों में पत्थर थमा रहे हैं उनके अपने बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं । सैनिक पर हमला तथाकथित मानवाधिकार वालों को नजर क्यों नहीं आता ? सेना को इस मुद्दे से निपटने के लिए अधिक छूट मिलनी चाहिए ।

      हमें अपनी लाड़ली सेना पर गर्व है जो बिषम परिस्थितियों में भी वर्दी पर दाग नहीं लगने दे रही और भारत माता की रक्षा में दिलोजान से चौबीसों घंटे जुटी है । जय हिंद की सेना । आपको एक बहुत बड़ा सलूट ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
20.06.2018

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