Saturday 24 March 2018

Tum raah dikhate ho : तुम राह दिखाते हो

मीठी मीठी - 92 : तुम राह दिखाते हो

( मेरे कुछ मित्र कहते हैं कि मैं केवल खरी खरी ही सुनाता हूँ । ऐसा नहीं है, मैं मीठी मीठी और बिरखांत भी सुनता हूँ । आज एक भजन/प्रार्थना प्रस्तुत है  'तुम राह दिखाते हो ।' )

तुम राह दिखाते हो
तुम ज्योति जगाते हो,
भटके हुए मेरे मन को
प्रभु जी थाह दिलाते हो ।

जब -जब मेरे
मन में प्रभु जी
अंधियारा घिर आया,
देर नहीं की आकर तुमने
ज्ञान का दीप जलाया,
सुख-दुख जीवन
के पहलू हैं
तुम्हीं बताते हो । तुम...

संकट के बादल छिटकाये
क्रोध की अग्नि बुझाई,
भंवर से तुमने
मुझे निकाला
खुद पतवार बनाई,
मेरे मन की चंचल नैया को
तुम पार लगाते हो । तुम...

जीवन मेरा
सफल हो जाये
तुम्हरी कृपा पा जाऊं,
फल की आस
जगे नहीं मन में
कर्म पै बलि बलि जाऊं,
कर्म ही मेरा दीन धरम
संदेश बताते हो । तुम...

पूरन चन्द्र काण्डपाल
24.03.2018

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