खरी खरी - 193 : फिर आंदोलन की राह पर हैं अन्ना ।
रालेगढ़ सिद्धि (अहमदनगर महाराष्ट्र ) के 80 वर्षीय संत अन्ना हजारे जी एक बार फिर 23 मार्च 2018 को आंदोलन करने राजधानी आ रहे हैं । 4 मार्च को उनकी एक विशाल सभा करुक्षेत्र में थी । पिछले तीन माह से लगातार वे देश के विभिन्न भागों में जनजागृति करते हुए 40 कार्यक्रम कर चुके हैं जहां उन्हें अपार जन सहयोग मिल रहा है ।
राजधानी में उनके आंदोलन के मुख्य मुद्दा है, सर्वसम्मति से वर्ष 2011 में पारित किए गए लोकपाल बिल का क्रियान्वयन अभी तक क्यों नहीं हुआ जबकि वर्तमान 4 साल पूरे कर रही सरकार के पंच प्रधान ने सत्ता में आते ही लोकपाल नियुक्त करने के आश्वासन पर वोट मांगे थे । अन्ना का कहना है विगत एक दशक में किसानों की दशा नहीं सुधरी है । इस दौरान लगभग 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं । वे किसानों की समस्याओं को लेकर भी सरकार से सवाल पूछते आ रहे हैं ।
सुनने में आ रहा है अन्ना ने 23 मार्च को आंदोलन के लिए राजधानी में 5 स्थल सुझाये हैं और आंदोलन की इजाजत मांगी है । अभी तक उन्हें इजाजत नहीं मिली है । समाजसेवी अन्ना हजारे का कहना है, 'इजाज़त नहीं मिलने पर भी मैं आंदोलन करूंगा चाहे मुझे पहले की तरह जेल में जाना पड़े । मैं जेल में ही आंदोलन करूंगा ।'
अन्ना ने समाज और देश के हित में कई बार आमरण अनशन किये हैं । उनका अंतिम अनशन 288 घंटे का था जो उन्होंने अगस्त 2011 में लोकपाल बिल पास करने के लिए किया था । उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार 23 मार्च से पहले अन्ना की मांग मान लेगी ताकि 80 वर्ष की उम्र में उन्हें एक बार फिर अनशन की राह नहीं पकड़नी पड़े ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
06.03.2018
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