Friday 9 March 2018

Pratmaon par gussa : प्रतिमाओं पर गुस्सा क्यों ?

खरी खरी - 196 : प्रतिमाओं/मूर्तियों पर गुस्सा क्यों ?

    अचानक देश के कई भागों में महापुरुषों/ जन नेताओं की प्रतिमाओं पर संरक्षण प्राप्त असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ करने के कई समाचार आये हैं । अब तक त्रिपुरा में लेनिन की, मेरठ में डॉ अम्बेडकर की, कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की, केरल में पेरियार की तथा कन्नूर में  महात्मा गांधी की प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त करने अथवा  विरूपित करने के मीडिया ने समाचार प्रसारित किए हैं ।

     इस तरह इन प्रतिमाओं से छेड़छाड़ कर देश के सौहार्द को क्षरण करने की यह कुत्सित हरकत निन्दनीय है । प्रतिमाओं को तोड़ने से कुछ भी नहीं होगा । वह विचार नहीं मरेगा जिससे ये असामाजिक तत्व घृणा करके उस विचारक की प्रतिमा को तोड़ना चाहते  हैं । जहां भी ये तोड़फोड़ हो रही है उस राज्य की सरकार को इन कुत्सित तत्वों पर कठोर कारवाई करनी चाहिए । राज्यों  में अमन- चैन का वातावरण बनाये रखना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए । ऐसे अवसरों पर प्रजातंत्र के चौथे स्तम्भ को संयमित समाचार प्रसार करने चाहिए तथा अफवाह फैलाने वालों से भी शासन को सख्ती से निपटना चाहिए ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
10.03.2018

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