Monday 12 March 2018

Mumbai aasmaan mein surakh : मुम्बई के आसमान में सुराख कर दिया किसान ने

खरी खरी - 198 : मुम्बई के आसमान में सुराख कर दिया किसान ने

     देश में किसानों की बिगड़ती हालत पर दो एपीसोड खरी खरी - 171 और खरी खरी- 173 क्रमशः 10 और 11 फरवरी 2018  को लिख चुका हूं । महाराष्ट्र के 35000 किसान 6 मार्च से 7 दिन की यात्रा के बाद नासिक से चलकर 180 कि मी पैदल चलने के बाद 12 मार्च की सुबह 6 बजे से पहले मुम्बई के आजाद मैदान में पहुंच गए । 12 मार्च को इन्हें रात के 1 बजे चलना पड़ा ताकि सुबह स्कूली बच्चों की परीक्षा इनके कारण अवरुद्ध न हो ।

     किसानों की मुख्य मांग थीं वन्य भूमि उनके नाम हो, फसल का लागत के हिसाब से उचित दाम मिले, प्राकृतिक आपदा से  फसल के नुकसान की भरपाई हो, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाय और फसल बीमा योजना ठीक से लागू हो आदि । विगत 7 दिन से केंद्र और महाराष्ट्र सरकार इन पर पैनी नजर रखे हुए थी । ज्योंही किसान मुम्बई पहुँचे सरकार ने किसानों से बात करने के लिए 6 मंत्रियों की टीम गठित कर दी ।

     सत्य तो यह है कि सरकार को यकीन नहीं था कि इतने बड़े समूह में किसान मुम्बई तक पहुंचेंगे । किसानों ने मुम्बई में विधानसभा घेरने की चेतावनी दी थी जिससे सरकार सकते में आ गई । महाराष्ट्र के किसानों ने साबित कर दिया कि यदि इच्छा शक्ति हो तो पांव के छालों से रिसता हुआ खून भलेही सड़क पर छाप छोड़े परन्तु उनके इरादों को नहीं तोड़ सकता । इन किसानों ने अपने मजबूत इरादों और कठिन तपस्या से मुम्बई के आसमान में सुराख करके ही दम लिया । 

     अब कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की सभी मांगें मान ली हैं । मांगें तो पहले भी कई बार मानी गईं परन्तु क्रियान्वित नहीं हुईं । इस बार मांगें वास्तव में मानी गई  या आश्वासन का झुनझुना पकड़ा दिया गया यह तो वक्त बताएगा । दुष्यंत कुमार का स्मरण करते हुए  देश के अन्नदाता कृषक को शत शत नमन ।
हो गई पीर पर्वत सी,
अब तो पिघलनी चाहिए...
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहये...

पूरन चन्द्र काण्डपाल
13.03.2018

No comments:

Post a Comment