खरी खरी - 190 : शहीद स्मरण
(शहीद परिवारों को होली के अवसर पर विशेष सम्मान अर्पित करते हुए एक छंद प्रस्तुत है ।)
बाप खोया भाई खोया
बेटा खोया देश पर,
सैकड़ों विधवा बनी
मांग अपनी सूनी कर,
सैतालिस याद नहीं
बासठ पैंसठ इकहत्तर,
कारगिल याद हमें
रहा नहीं जरा भर ।
( देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों और उनके परिजनों का स्मरण प्रत्येक त्यौहार पर होना चाहिए । )
पूरन चन्द्र काण्डपाल
03.03.2018
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