खरी खरी - 195 : संसद में महिला आरक्षण
संसद और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई प्रतिनिधित्व प्रदान करने वाला महिला आरक्षण विधेयक का अब तक संसद में पास नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी इस मुद्दे को उठाया था । उन्होंने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दो तिहाई बहुमत से लोकसभा में पारित होने के बाद भी महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं एवं परिषदों में 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो सका है। इसे पास कराने का असली संकल्प राजनीतिक दलों को ही दिखाना होगा।
कल 8 मार्च 2018 को संसद के अंदर और बाहर महिला सांसदों ने अपनी एकजुटता दिखाते हुए वर्तमान सरकार से पुनः अपील की है कि इस बिल को शीघ्र पारित कराया जाय । बेटियों की बात तो भाषणों में सभी कर रहे हैं परन्तु बेटियों को संसद में बराबरी का हक क्यों नहीं दिया जा रहा ? वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष को इस मुद्दे पर पहल करनी चाहिए ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
09.03.2018
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