Sunday 14 January 2018

Nasha : नशा शराब

खरी खरी - 157 : प्रयास करने से छूट सकती है गुटखा, नशा - लत

     देश का हर कोना धूम्रपान के दलदल में धंसता जा रहा है । गौर से देखें तो धूम्रपान की लत वाले घर - बाहर सब जगह नजर आते हैं ।  गुटखा, खनी, पान मसाला की गंदगी मुझे रॉक गार्डन के नुक्क्ड़- कोनों पर भी नजर आई ।
चमचमाती पुड़ियाँ बाजार में खूब बिक रही हैं जिनमें लिखा होता है पान मसाला परन्तु बिक्रेता को पता होता है कि पुड़िया के अंदर कौन से नंबर का तम्बाकू है । इसकी दुर्गंध से निकट के व्यक्ति को  सिर दर्द होने लगता है । हाल ही में मुंबई में कमला मिल्स के दो रेस्टोरेंट अवैध हुक्का के चारकोल के कारण भष्म हुए थे जिसमें 15 लोग बैमौत मारे गए । देश में अवैध मादक पदार्थों का व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है ।

     इस जहर की लत के कारण लोग प्रातः ही पुड़िया मुख में उड़ेल लेते हैं तब ही वे फ्रेश होने जाते हैं । आज तम्बाकू सेवन का औसत जो 2009-10 में 33.9% था वह 2016-17 में बढ़कर 35.5% हो गया है जबकि गुटखा सेवन 25.3 से बढ़कर 29.4% हो गया है । घर से शुरुआत करते हुए किसी भी तम्बाकू उत्पाद का विरोध विनम्रता से करें और ग्रसित को कैंसर जैसे भयानक रोग का शिकार होने से बचाएं । एक व्यक्ति एक को तो छुड़ाए इस लत से । यह भी एक बहुत बड़ा पुण्य है । हमारे प्रयास से यदि कोई शराब- धूम्रपान- गुटखा से मुक्त होता है तो बड़ा सुकून मिलता है  ।  करके देखिए ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
12.01.2018

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