खरी खरी -155 : ध्वनि वर्धक (लाउडस्पीकर) प्रतिबंध
इस बात की प्रसंशा की जानी चाहिए की अब अदालत की नाराजगी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर बिना सरकारी अनुमति के लाउडस्पीकर लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है । 20 जनवरी से लाउडस्पीकर हटाने का कार्य आरम्भ हो जाएगा । लाउडस्पीकर हटाने का उ.प्र. उच्चन्यायालय का 20 सितंबर 2017 का आदेश अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा था । अब मज़हब, धर्म, आस्था के नाम पर शोर करने वालों को खुशी-खुशी अदालत के आदेश को मानते हुए स्वयं लाउडस्पीकरों को हटा लेना चाहिए ।
चार दशक पहले सुप्रसिद्ध सिनेस्टार मनोज कुमार ने एक फ़िल्म "शोर" बनाई थी जिसमें ध्वनि प्रदूषण से होने वाले रोगों और परेशानियों को रेखांकित किया गया था । आज समाज में धार्मिक आयोजन के नाम पर पूरी रात लोगों को परेशान किया जाता है । डीजे, बारात के लाउडस्पीकर वाले बैंड बारात के पटाखों और मंत्रियों के कारों पर लगे उच्च शोर के हूटरों पर भी सख्ती से प्रतिबंध लगना चाहिए । ध्वनि प्रदूषण से परेशानी तो होती है कई प्रकार के रोग भी इस मानव जनित समस्या से लगते हैं । समाज को दुखित करने वाली शोर जनित इन समस्याओं से निपटने के लिए जन-संगठनों को पूर्ण रूप से सहयोग करना चाहिए । इस कानून का हाल भी नदियों में मूर्ति विसर्जन नहीं करने और रात को पटाखे नहीं चलाने जैसा नहीं होना चाहिए । ये दोनों ही कानून अवहेलना की भेंट चढ़ गए ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
09.01.2018
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