Friday 26 January 2018

69th gantantr diwas : 69वां गणतंत्र दिवस 2018

बिरखांत-196 : 69वां गणतंत्र दिवस  – कमर कसने का दिन

            प्रतिवर्ष जनवरी महीने में चार विशेष दिवस एक साथ मनाये जाते हैं | 23,  24,  25  और 26  जनवरी | 23 को नेताजी सुभाष जयंती, 24 को राष्ट्रीय बलिका दिवस ( इस दिन 1966 में श्रीमती इंदिरा गाँधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थी ), 25 को मतदाता जागरूकता दिवस और 26 को 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ था जिसे हम अभी तक अच्छी तरह समझे नहीं हैं या संविधान के बारे में जानते नहीं हैं । अब 22 जनवरी को ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ दिवस भी मनाया जाने लगा है | हमने विगत 68 वर्षों में बहुत कुछ पाया है और देश में विकास भी हुआ है परन्तु बढ़ती जनसंख्या ने इस विकास को धूमिल कर दिया | 68 वर्ष पहले हम 43 करोड़ थे और आज 125 करोड़ हैं अर्थात उसी जमीन में 82 करोड़ जनसंख्या बढ़ गई |

                                  हमने मिजाइल बनाए,  ऐटम  बम बनाया, अन्तरिक्ष में धाक जमाई, कृषि उपज बढ़ी, साक्षरता दर जो तब 2.55% थी अब 74.1% है | रेल, सड़क, वायुयान, उद्योग, सेना, पुलिस, अदालत आदि सब में बढ़ोतरी हुई | इतना होते हुए भी हमारी लगभग 30% जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है जिनकी प्रतिदिन की आय पचास रुपए से भी कम बताई जाती है | देश की एक चौथाई  जनता के पास शौचालय नहीं हैं | कई स्कूलों और आगनबाड़ी केन्द्रों में पेय जल नहीं है और 25% जनता तक अभी बिजली नहीं पहुँची है | प्रतिवर्ष हजारों किसान  (लगभग 12000 )आत्महत्या कर रहे हैं | अदालतों में करीब तीन करोड़ से भी अधिक मामले लंबित हैं और एक केस सुलझाने में कई वर्ष लग जाते हैं | ब्रेन ड्रेन भी नहीं थमा है |

           विदेशों की नजर में हम निवेश के लिए सुरक्षित नहीं हैं |187 देशों में हमारा नंबर 169 है अर्थात उनकी नजर में 168 देश उनके लिए हमसे अधिक सुरक्षित हैं | विश्व के 200 श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में हमारा नाम नहीं है | बताने के लिए तो बहुत कुछ है जिससे मनोबल को ठेस लगेगी | प्रतिवर्ष राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड हमारा मनोबल बढ़ाती है | हमारे सुरक्षा प्रहरी हिम्मत और शक्ति के परिचायक हैं जो सन्देश देते हैं कि हमारी सीमाएं सुरक्षित और चाकचौबंद हैं | हमें अपने देश में ईमानदारी के पहरुओं पर भी गर्व है | हम अभी विकासशील देश हैं क्योंकि हमारे पास विकसित देशों जैसा बहुत कुछ नहीं है |

             भारत को विकसित राष्ट्र बनने में देर नहीं लगेगी यदि ये मुख्य चार दुश्मनों – भ्रष्टाचार, बेईमानी, अकर्मण्यता और अंधविश्वास से उसे निजात मिल जाय | इसके अलावा नशा, आतंकवाद, अशिक्षा, गरीबी, गन्दगी और साम्प्रदायिकता भी हमारी दुश्मनों की जमात में हैं | यदि हम इन दस दुश्मनों को जीत लें तो फिर भारत अवश्य ही सुपर पावर समूह में शामिल हो सकता है | इन दुश्मनों की चर्चा हमारे राष्ट्र नायकों सहित देश के कई प्रबुद्ध नागरिकों ने पहले भी कई बार की है | आइये इस गणतंत्र पर कमर कसें, अपने संविधान को जानें और इन सभी दुश्मनों को जड़ से उखाड़ फेंकने में सहयोग करते हुए देश को महाशक्ति समूह में शामिल करें | आप सबको 69वे गणतंत्र दिवस की बधाई | अगली बिरखांत में कुछ और...  

पूरन चन्द्र काण्डपाल
26.01.2018

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