खरी खरी- 160 : मिकैं क्ये खबर न्हैति (गुट्क खणी)
गुट्क खणियां ल
सब जागि करि है लाल,
उनार सड़ि गईं दांत-
मिरि चिमोड़ी गईं गाल,
गिच भरिये रांछ उनौर
उं कैहूं कसी बलाल,
मिठ जहर खै बेर
करैं रईं आपण हलाल,
कतुक्वे समझौ उनुहैं
क्वे नि सक जिती,
यूं क्यलै खांरीं जहर
मिकैं क्ये खबर न्हैति ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
20.01.2018
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