खरी खरी - 163 : 26 जनवरी ही को क्यों ?
कल 26 जनवरी 2018 को हम सबने 69वां गणतंत्र दिवस मनाया । किसी ने धूम- धाम से तो किसी ने सादगी से मनाया । कोई तीन दिन की छुट्टी का आनंद लेने बाहर (नानी- दादी के यहां भी) चला गया तो किसी ने जम कर नींद ली । किसी ने करीब 2 घंटे टी वी पर परेड देखी । मैंने कल दिन भर करीब दो दर्जन स्त्री- पुरुष-बच्चों से अलग-अलग स्थानों पर बड़े खुशनुमा माहौल में बस एक ही सवाल पूछा, " गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है ?" अधिकांश ने बे-सिर बे-पैर के उटपटांग उत्तर दिये । कुछ ने बताया ,"इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ ।" सवाल फिर अपनी जगह खड़ा था, "संविधान 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ ? 24 - 25 या 27 -28 या किसी अन्य दिन लागू क्यों नहीं हुआ ? इस प्रश्न का उत्तर किसी ने भी नहीं दिया । ये है हमारे देशवासियों की हमारे गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी । आप में किसी को निराशा, किसी को दुख या किसी को आश्चर्य हो रहा होगा परन्तु मुझे ऐसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि मैं जानता हूं इस बात की चर्चा या देश की चर्चा हमारे माहौल में बहुत कम ही होती है ।
आप लोगों में कई मित्र अवश्य इस प्रश्न का उत्तर जानते होंगे फिर भी सही उत्तर देने का प्रयास कर रहा हूं । उत्तर - " 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में हमारा संविधान लिख कर 26 नवम्बर 1949 को तैयार हो गया । इसे लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 तक प्रतीक्षा इस लिए की गई क्योंकि दिसम्बर 1929 में रावी नदी के किनारे लाहौर के कांग्रेस अधिवेसन में पंडित नेहरू की अध्यक्षता में पूर्ण स्वराज की मांग की गई और 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज दिवस मना कर ध्वज फहरा दिया गया । 26 जनवरी 1930 के दिन का स्मरण और महत्व को सम्मानित करने के लिए राष्ट्र द्वारा 26 जनवरी 1950 तक संविधान लागू होने की प्रतीक्षा की गई और 26 जनवरी 1950 से हमारा संविधान लागू हो गया ।
कल अवन्तिका रोहिणी दिल्ली में उत्तराखंड भ्रातृमण्डल आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भी गणतंत्र का जश्न देखा । संस्था के अध्यक्ष श्री एन डी लखेड़ा जी और उनकी टीम को इस सफल आयोजन के लिए बहुत -बहुत बधाई । इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में समाज सेवी सर्वश्री भूपाल सिंह बिष्ट जी, राजन पांडे जी, दर्शन सिंह मेहरा जी, गायिका श्रीमती कौशल पांडे जी, गायक गोपाल मठपाल जी, प्रकाश काल्हा जी, दलीप रावत जी, भगवंत मनराल जी, वीरेंद्र राही जी (संगीतज्ञ) सहित समाज की विभिन्न विधाओं से जुड़े कई गणमान्य एवं संस्था से जुड़े व्यक्तियों का सानिध्य प्राप्त हुआ ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
27.01.2018
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