Thursday 30 November 2017

Dulha - dulhan : दूल्हा-दुल्हन चाहें तो ?

खरी खरी - 133 : दूल्हा - दुल्हन चाहैं तो हो सकता है ।

      राजधानी में आजकल शादियों का जोर है । शादियों के कारण सड़क पर अक्सर जाम लगा रहता है । इस जाम से प्रदूषण अधिक कष्टदायी हो जाता है । इस प्रदूषण के मुख्य कारकों में डीजल जनरेटर भी थे जिसे न्यायालय ने बंद करवा दिया है । भलेही चोरी से मिलीभगत के साथ अब भी जनरेटर चलाये जा रहे हैं जिनसे खतरनाक प्रदूषण हो रहा है ।

     शादियों में प्रदूषण का एक कारण आतिशबाजी भी है । बरात जहां से चलती है और जहां पहुंचती है इन दोनों जगह पर जम कर आतिशबाजी होती है । जाम के कारण या शराबी बरेतियों के कारण अक्सर बरात गंतव्य तक देरी से पहुंचती है । तब आस - पास के लोग अपने घरों में आराम कर रहे होते हैं या सो गए होते हैं । ठीक इसी समय जमकर आतिशबाजी होने लगती है, जोर -जोर डीजे बजने लगता है । रिपोट करने पर उल्टे पुलिस की छत्रछाया इस अवसर पर बढ़ जाती है । अब लोग किससे कहें ? गसगसाते - मसमसाते हुए तंत्र को गाली देकर अपना क्रोध शांत करते हैं ।

     ऐसी विकट परिस्थितियों में यदि दूल्हा -दुल्हन चाहैं तो पहले से ही आतिशबाजी के लिए अपने अभिभावकों से  मना कर सकते हैं । आतिशबाजी नहीं होने से शादी में कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि लोगों को शोर - प्रदूषण से छुटकारा मिल जाएगा और दूल्हा - दुल्हन को आशीर्वाद भी मिलेगा । उम्मीद करते हैं दाम्पत्य डोर में बंधने वाले युवा और युवतियां अपनी मिलन की इस सुमधुर बेला में जन - जन का आशीर्वाद तो लेंगे साथ ही प्रदूषण से हमारे व्यथित पर्यावरण को भी बचाएंगे ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
01.12. 2017

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