Wednesday 8 November 2017

Hawa mein ghutan : हवा में घुटन

खरी खरी - 119 : हवा में धुंध- घुटन और पुवाल की जलन

      दिल्ली के प्रदूषण के लिए लोग भी जिम्मेदार हैं । न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए लोगों ने दीपावली की रात देर तक खूब पटाखे जलाये । दिल्ली में रामलीला के बाद पटाखे जलने शुरू हो गए थे । अभिभावकों ने ही तो बच्चों को पटाखों के लिए धन दिया या पटाखे खरीद के दिए । जंहा- तहाँ लोग पत्ते या कूड़ा जलाते हैं । लोग देखे रहते हैं, कोई मना नहीं करता । 

     नयायालय की मनाही के बाद भी धान की पुवाल पड़ोसी राज्यों में जलाई जारही है । पुवाल जलने का धुआं राजधानी में जम गया है । हवा नहीं चलने और ठंड की शुरुआत होने से इसने स्मॉग का रूप ले लिया है जिससे सांस लेने में बहुत कठिनाई हो रही है । वाहनों का आड- ईवन को जारी नहीं रखा गया। इससे भी प्रदूषण बढ़ा है । इन सभी मुद्दों पर सख्ती से विचार होना चाहिए अन्यथा सोचिए 14 वर्ष से कम उम्र के उन बच्चों का क्या होगा जिनके फेफड़े प्रदूषित हवा से जख्मी होने लगे हैं ।

     अब केवल एक ही रस्ता है कि न्यायालय ने प्रदूषण रोकने के लिए जितने भी आदेश दिए हैं उन्हें सख्ती से लागू किया जाय । अवहेलना करने वालों को दंडित किया जाय । इसमें तंत्र की तनिक भी ढिल्लम-ढिल्ला नहीं होनी चाहिए अन्यथा लोग आंखों में जलन, सीने में घुटन से राजधानी में रैंगने को मजबूर होकर बीमार होते रहेंगे ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
08.11.2017

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