Wednesday 8 November 2017

Nau bhasha sammelan : नौ उं भाषा सम्मेलन अल्माड़

दिल्ली बै चिठ्ठी ऐ रै


नौउं राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन- 2017 अल्माड़

       कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति, कसारदेवी, अल्माड़ (उत्तराखंड) और ‘पहरु’ कुमाउनी मासिक पत्रिका, अल्माड़ द्वारा नौउं राष्ट्रीय कुमाउनी भाषा सम्मेलन दिनांक 3, 4 व 5 नवम्बर 2017 हुणि कुंदन लाल साह प्रेक्षागृह, अल्मोड़ा में आयोजित करिगो | यौ  सम्मेलन में देश कि राजधानी दिल्ली सहित पुर उत्तराखंड क लगभग द्वि सौ कुमाउनी प्रेमियों और साहित्कारों ल भाग ल्हे | यौ तीन दिनी सम्मेलन में सांसद प्रदीप टम्टा, उत्तराखंड सरकार क भाषा -संस्कृति मंत्री प्रकाश पंत ज्यू और विधान सभा क पूर्व अध्यक्ष श्री गोविंद सिंह कुंजवाल ज्यू सहित कएक  गणमान्य व्यक्तियों कि गरिमामय उपस्थिति रैछ |

      उक्त संस्थाओं द्वारा वर्ष 2009 बटि लगातार सम्मेलन आयोजित करी जानौ | यौ सम्मेलन में लै पिछाडि आठ सम्मेलनों कि चार उत्तराखंड कि मुख्य भाषा कुमाउनी और गढ़वाली कैं संविधान क आठूँ अनुसूची में जोड़न, स्कूली शिक्षा क पाठ्यक्रम में यूं भाषाओं कैं शामिल करण कि बात हैछ | सम्मेलन में करीब द्वि दर्जन वक्ताओं ल आपण विचार धरीं जनूमें मुख्य छी  सर्वश्री प्रोफेसर शेर सिंह बिष्ट, डा. शमशेर शिंह बिष्ट, जुगल किशोर पेटशाली, प्रो दिवा भट्ट, ब्रिगेडियर (से नि ) डी के जोशी, डा. पी सी फुलोरिया, देव सिंह पिलखवाल, संस्था क अध्यक्ष कर्मयाल ज्यू और आयोजन समिति क सचिव एवं ‘पहरु’ पत्रिका क सम्पादक डा. हयात सिंह रावत | सबै वक्ताओं ल एक स्वर में आपणी भाषाओं कैं मान्यता कि बात भौत दृढ़ता क साथ धरी | सम्मेलन में हमरि भाषाओं कि प्राचीनता, इनर साहित्य और साहित्यकारों कि चर्चा लै चैछ  |

     सम्मेलन में उत्तराखंड सरकार द्वारा हमरि भाषा और साहित्यकारों क प्रति दिखाई उदासीनता पर लै गुस्स देखण में आछ | कएक वक्ताओं ल  सरकार क रुख कैं भाषा और साहित्य क प्रति यौ कौनै भल नि बताय कि देहरादून स्तिथ उत्तराखंड भाषा संस्थान बांज घटों कि चार पट्ट भै गो जां पिछाड़ि कएक वर्षों बटि साहित्य सम्बंधी क्वे लै गतिविधि नि है रइ और नै साहित्यकारों कि क्ये खूस- खबर लियी गेइ | सरकार कि साहित्य क प्रति यसि निष्ठुरता कि खुलिबेर निंदा करिगे | अल्माड़ में भाषा प्रचार समिति ल एक भवन क निर्माण लै करण क कदम उठै हैछ जैकि बुनैद लै डाइ है और पिलर बनूंण क बाद काम चलि रौछ पर धन कि कमी है रै | यौ मुद्द में निवेदन करण पर लै सरकार ल क्वर आश्वासन दी बेर पल्ल झाड़ि ल्हे और क्ये लै मदद नि करि | आपणी भाषा क प्रति उत्साहित आगंतुकों ल य मौक पर स्वेच्छा ल आर्थिक सहयोग करण क प्रस्ताव लै पास करौ और करीब द्वि लाख रुपैं जम लै है गईं | कएक लोगों ल मदद क बचन दान लै दि रौछ ।

     आठ सत्रों क आयोजन में छठूँ सत्र कुमाउनी कविता पाठ क छी जमें  54 कवियों  ल काव्य पाठ करि श्रोताओं कैं भावविभोर करि दे | सम्मेलन में लोक साहित्य, लोकगीत, गायन सहित अन्य विधाओं पर लै गहन विचार विमर्श हौछ | यौ आयोजन सबूं क सहयोग ल करिगो जमें आवास क इंतजाम स्थानीय होटलों ल करौ | आयोजन समिति क प्रमुख डा. हयात सिंह रावत ज्यू कि पुरि टीम जमें सर्वश्री एडवोकेट जमन सिंह बिष्ट, नीरज पंत, चन्दन बोरा, रूप सिंह बिष्ट, अजय तिवारी, महेंद्र ठकुराठी, कंचन तिवारी, अजय तिवारी आदि छी जनूल भौत भल काम करि बेर आयोजन कैं सफल बना|

      यौ मौक पर कुमाउनी क कएक  साहित्यकारों कैं विभिन्न विधाओं में सम्मानित लै करिगो और एक दर्जन है ज्यादै किताबों क विमोचन लै हौछ | सम्मेलन में तीनों दिन जय नंदा लोक कला केंद्र  क कलाकरों ल आपणी विशिष्ट प्रस्तुति दी बेर सत्रों क श्रीगणेश करौ | यौ टीम क प्रमुख सुप्रसिद्ध ए ग्रेड हुड़का वादक श्री चन्दन बोरा क दगाड में छी सुश्री लता पांडे, विमला बोरा, शीला, पूरन कुमार और अन्य | यौ टीम ल उत्तराखंड कि सांस्कृतिक झलक देखै बेर सबै आगंतुकों क स्वागत करौ जैकि भौत प्रशंसा करिगे | सम्मेलन में कएक पत्र- पत्रिकाओं क संपादक, पत्रकार और रेडियो स्टेशनों के रिकार्डिस्ट लै ऐ रौछी | यौ सफल आयोजन क लिजी पुरि टीम कैं साधुवाद और शुभकामना |

पूरन चन्द्र काण्डपाल
09.11.2017     

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