Tuesday 28 November 2017

Bhrashtaachaar : भ्रष्टाचार का नमूना

खरी ख़री - 132 : भ्रष्टाचार का एक नया नमूना

    हमारे देश में भ्रष्टाचार की दीमक को मारना कठिन ही नहीं असम्भव सा लगता है । ऊपर से नीचे की ओर हो या नीचे से ऊपर की ओर, भ्रष्टाचार की धारा निरन्तर बह रही है । धनी लोग BPL कार्ड लेकर बैठे हैं,  25 % "EWS कैटेगरी के बच्चों की जगह पब्लिक स्कूलों में धनी लोगों के बच्चे सैंध लगाये बैठे हैं, सुहागन स्त्री विधवा पेंसन ले रही है, कुछ लोग बिना वरिष्ठ हुए वरिष्ठ नागरिक की पेंसन खा रहे हैं,  MCD में भूत कर्मचारी ATM कार्ड से धन ले चुके हैं, गरीब की प्रत्येक सुविधा पर अमीर चौकड़ी जमाये बैठे हैं । ऐसा कई जगह पर हुआ है जो मीडिया में कभी न कभी प्रदर्शित हुआ है । 

     अभी हाल ही में दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार का एक नया नमूना मीडिया में प्रसारित हुआ । एक आदमी ने अपनी शादी के लिए समुदायिक भवन बुक कराया । बुकिंग के लिए उसने नियत राशि का अधिकांश भाग नकद राशि के रूप में दिया । उसे तत्काल रसीद नहीं दी गई परन्तु भवन बुक कर दिया गया । 

     कुछ दिन बाद जब उस व्यक्ति ने नेट से रसीद  निकाली तो वह रसीद देख स्तब्ध रह गया । रसीद  उस व्यक्ति की रशम -पगड़ी (मृत्युपरांत चौथा की रशम ) के नाम से बनी थी जिसकी बुकिंग राशि शादी की तुलना में बहुत कम थी क्योंकि मृत्युपरांत संस्कार के लिए बहुत कम राशि लगती है । उस व्यक्ति द्वारा दी गई अधिकांश राशि भ्रष्ट कर्मचारी मिल-बांट कर डकार गए । जब उस व्यक्ति की बात कार्यालय में नहीं सुनी गई तो उसने इस बात को पार्षदों तक पहुंचाया । बताया जा रहा है कि इस नए भ्रष्टाचार के लिए सतर्कता विभाग से जांच कराई जा रही है ।

     भलेही कोई कितना ही ताल ठोक कर भाषण दे या आश्वासन दे, देश में कमोवेश हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है । हम यह नहीं कहते की तंत्र के सभी लोग भ्रष्ट हैं परंतु कुछ लोगों के लिए तो भ्रष्टाचार की फसल सदाबहार है, खूब फल-फूल रही है । क्या भ्रष्टाचार के नष्ट होने की कल्पना हमारे देश में की जा सकती है ?

पूरन चन्द्र काण्डपाल
29.11.2017

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