Sunday, 27 August 2017

Sanskaaree bahoo : संस्कारी बहू

ख़री खरी - 71 : संस्कारी बहू

सबकी सेवा कर
काम से मत डर
सुबह जल्दी उठ
रात देर से सो
बोल मत
मुंह खोल मत
चुपचाप रो
आंसू मत दिखा
सिसकी मत सुना
सहना सीख
न निकले चीख
जब सबका
हुकम बजाएगी
सेवा टहल 
लगाएगी
घर आंगन 
सजाएगी
तभी तो
संस्कारी बहू 
कहलाएगी ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
28.08.2017

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