खरी खरी - 66 : कैसे रुके रैगिंग ?
एक सर्वे के अनुसार देश के विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थानों में हर वर्ष नव- शिक्षार्थियों के साथ जम कर रैगिंग होती है जिससे दुःखी होकर कुछ छात्र गलत कदम उठा लेते हैं । सर्वे के अनुसार 84% छात्र-छात्रायें रैगिंग की शिकायत दर्ज नहीं कराते । शिकायत नहीं करने के मुख्य कारण निम्न हैं -
1. सीनियर विद्यार्थी शिकायत कर्ता का बायकॉट कर सकते हैं ।
2. शिकायत करने पर सीनियर पीटते हैं ।
3.शिकायत करने पर कैरियर बर्बाद होने का डर लगा रहता है ।
4. शिकायत करने पर यह भरोसा नहीं होता कि प्रशासन रैगिंग करनेवालों पर कोई कारवाई करेगा ।
5. कुछ को यह पता नहीं होता कि शिकायत कहां करें ।
6. रैगिंग भुक्तभोगियों में आंशिक छात्र इसलिए शिकायत नहीं करते क्योंकि वे इसका आनंद उठाते हैं।
भुक्तभोगियों के अभिभावकों के अनुसार यदि विद्यार्थी रैगिंग की सूचना अपने अभिभावकों को दें और अभिभावक इस बारे में सीधे संस्थान के मुखिया से शिकायत करें तो परिणाम स्वरूप रैगिंग बंद हो सकती है । नव-शिक्षार्थियों को रैगिंग की सूचना शीघ्र अपने अभिभावकों देनी चाहिए तथा डर कर कोई अनुचित कदम नहीं उठाना चाहिए ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
19.08.2017
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