Wednesday 23 August 2017

Laaparwaee se maut : लापरवाही से मौत

खरी खरी - 68 : लापरवाही से दोनों जगह बेमौत मरे निर्दोष

      19 अगस्त 2017 को पुरी से हरिद्वार जा रही उत्कल एक्सप्रेस रेल दुर्घटना में 25 यात्री बैमौत मारे गए तथा 200 से अधिक घायल और अपंग हो गए । बताया जा रहा है कि यह दुर्घटना रेल कर्मियों की लापरवाही से हुई । दुर्घटना होते ही हमेशा की तर्ज़ पर कहा गया, 'अमुक स्थान पर रेल दुर्घटना हो गई है, उच्च अधिकारी घटना स्थल को रवाना हो गए हैं, घायलों को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया जा रहा है...।' रेलवे की अधिकांश दुर्घटनाएं लापरवाही के कारण हो रही हैं । निर्दोष यात्रियों के हत्यारों को सख्त सजा मिलनी चाहिए जो एक नजीर बने ।

     इसी तरह गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में 10 और 11 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन समाप्त होने के कारण 30 निर्दोष बच्चों की जान चली गई । वहां भी अस्पताल की लापरवाही से ये निर्दोष मारे गए ।

     हमारा शासन तंत्र हमेशा ही पहले इस लापरवाही पर लीपापोती करता है फिर घुमाफिरा कर जांच बैठाता है । हमारे सरकारी तंत्र में इस तरह की जानलेवा लापरवाही इसलिए होती है क्योंकि यहां कसूरवारों को बचाया जाता है जिससे बेकसूर हमेशा मरते आये हैं । जब तक सरकारी तंत्र में किसी भी लापरवाही के लिए सख्त सजा नहीं मिलेगी तब तक निर्दोषों की मौत इसी तरह होती रहेगी । कब सुधरेगा हमारा शासन तंत्र ? कितनी मानव -जनित बलि और चाहिए हमारे शासन तंत्र को ?

        इस बीच (बीती रात 22 और 23 अगस्त) को औरैया में भी एक रेल दुर्घटना हो गई है जो एक डंपर के कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन से टकराने से हुई । करीब 60-70 यात्री घायल हो गए हैं बताया जा रहा है । यह समाचार AIR तथा कई चैनलों पर दिखाया -बताया जा रहा है ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
23.08.2017

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