खरी खरी- 70 : भ्रष्टाचार पर तीन कुंडलि
भ्रष्टाचार क जोर है रौ
पुर देश में चारों ओर,
आपू आपुहूँ लूट है रै
कतुक्वे करि ल्यो शोर,
कतुक्वे करि ल्यो शोर
कालि है गे हमरि सरकार,
दफ्तर अफसर बाबू चपरासी
खूब है रै मुक्स्यार,
कूंरौ ‘पूरन’ गिच खोलो
द्यो इनुकैं धिक्कार,
ख्वलो इनरि पोलपट्टी
नि फलण द्यो भ्रष्टाचार |
भ्रष्टाचार क दलदल में
धंसनै जां रौ देश,
बचूणी क्वे द्यखिण नि रय
दिल में लागरै ठेस,
दिल में लागरै ठेस
चौतरफ्यां ड्यार बेमानू क,
बुकूणी कुकुर जस खुलिये
रांछ गिच हैमानू क,
कूंरौ ‘पूरन’ अघिल बढ़ो
द्यो इनरि नकाब उतार,
पकड़ो जिबाइ जोति इनुकैं
मिट जाल भ्रष्टाचार |
काइ कमै करनै करनै
भरी गईं स्विस बैंक,
देश क धन विदेश छिरिकि गो
न्हैगो भरि भरि टैंक,
न्हैगो भरि भरि टैंक
यां धरुहूँ जागि नि छि,
काउ धन यतु है गोछी
वीकि सामाव को करछी ,
कूंरौ ‘पूरन’ लगौ जुगत
वापिस ल्यौ एक एक पाइ,
देश लुटणीयां कैं भेजो जेल
कब्जे ल्यो कमै जो काइ |
पूरन चन्द्र काण्डपाल
27.08.2017
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