खरी ख़री - 63 : कौस जमान ऐगो
च्यालां क छीं गर्लफ्रैंड
च्येलियां क बौय फ्रैंड,
हाथों पर बादि रईं
फ्रेंडशिपा क बैंड,
क्वे घुमरीं पार्कों में
क्वे डवां मुणि भैरीं,
औणी जाणियाँ कि परवा
न्हैति बेफिकर हैरीं,
शरम लिहाज क
निशान लै मटिगो,
कौस जमान देखौ
कौस जमान ऐगो ।
आब जनम दिन लै
नईं तरिक ल मनूं रईं,
केक़ा क माथ बै
मोमबत्ती जगूं रईं,
तीन आंखर अंग्रेजी
सबूंल सिखी है,
अंग्रेजी में कूं रईं
हैपी बर डे,
जैल दी जगूण चैंछी
उ दी नीमू फैगो,
कौस जमान देखौ
कौस जमान ऐगो ।
मतलबा क लोग हैगीं
मतलबा क यार,
दिखावटी दुनिय में
दिखावटी प्यार,
मतलब निकलि गोयौ
पै भुलि जानीं,
रूबरू मिलनी
अपन्यार है जानीं,
धरम करम न्हैगो
मतलबी रैगो,
कौस जमान देखौ
कौस जमान ऐगो ।
पूरन चन्द्र काण्डपाल
13.08.2017
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