Friday 31 July 2020

Patni, wife, gharwai :पत्नी, वाइफ, घरवा इ

खरी खरी- 671 : घरवाइ अर्थात पत्नी अर्थात वाइफ

     पत्नी के बारे में सोसल मीडिया में बहुत हास्य है । कुछ पचनीय तो कुछ अपचनीय भी है । पत्नी उतनी खराब भी नहीं होती जितना प्रोजेक्ट किया जाता है । हास्य लाने के साथ यह भी ध्यान रहे कि कहीं उधर से नफरत न उगने लगे और कुटान हो जाय ।

     जब पत्नी की बात आती है तो हमें तिलोतम्मा और रत्नावली की याद आती है जिन्होंने अपने पति कालिदास और तुलसीदास को अमर कर दिया । हमें केकई और सावित्री की भी याद आती है जिनमें केकई ने तो दशरथ के प्राण ले लिए और सावित्री सत्यवान के गए प्राण वापस ले आई ।

     किसको कैसी पत्नी मिलती है यह उसकी लाट्री है । लाट्री पत्नी के लिए भी है कि उसे कैसा पति मिलता है । जैसी भी पत्नी मिले एडजस्ट तो करना ही होगा । एक व्यक्ति अपनी पत्नी से परेशान था और बोला, "वाइफ इज ए नाइफ हू कट द लाइफ" अर्थात पत्नी वह चाकू है जो जिंदगी का कत्ल कर देती है । दूसरा व्यक्ति अपनी पत्नी से खुश था और बोला, "दियर इज नो लाइफ विदाउट वाइफ" अर्थात पत्नी के बिना जिंदगी है ही नहीं ।"

     पत्नी पर आये क्रोध में शीतलता के दो छीटे इस तरह डाले जा सकते हैं "कुछ भी हो यार ये मेरे बच्चों की मां है,  इसी ने तो मुझे बाप बनाया है ।" पत्नी से हमारा रिश्ता जग जाहिर है । नर के घर, नारायण के घर और कानूनी तौर से भी वह हमारी पत्नी है । सबसे बड़ी बात यह है कि क्या पत्नी पति की दोस्त भी है ? यदि दोस्त है तो फिर जिन्दगी का नजारा ही कुछ और है । यदि दोस्त नहीं है तो उसे दोस्त बनाने में ही जिंदगी गेंदा फूल है । दोस्ती का हाथ पति ने बढ़ाना है । जी हां, पहल पति की तरफ से ही होनी है । इस तरह से -

"पत्नी तू भार्या ही नहीं है

मित्र बंधु और शखा है तू,

जीवन नाव खेवैया तू है

वैद हकीम दवा भी तू ।"

पूरन चन्द्र काण्डपाल

01.08.2020

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