Thursday 30 May 2019

31 May no smoking day:31 मई धूम्रपान निषेध दिवस

बिरखांत - २६६ : ३१ मई तमाकु- धूम्रपान निषेध दिवस

       हर साल ३१ मई हुणि पुर दुनिय में तमाकुल हुणी नुकसानोंक बार में जनजागृति क लिजी धूम्रपान निषेध (तमाकु निषेध ) दिवस मनाई जांछ | यै हुणि WNTD आर्थात world no tobacco day (वर्ल्ड नो टोबाकू डे ) लै कई जांछ | संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) कि संस्था, विश्व स्वाथ्य संगठन (WHO) क अनुसार दुनिय में हर साल साठ लाख लोग कैंसर सहित तमाकु  जनित रोगोंल बेमौत मारी जानी जबकि छै लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप ल  धूम्रपान क शिकार है जानी | वर्ष १९८९ में विश्व स्वास्थ्य संगठनल एक प्रस्ताव पास करि बेर हर साल ३१ मई हुणि तमाकु निषेध दिवस मनै बेर  जनजागृति करणक निर्णय ल्हेछ | य दिन हर साल एक नयी नार दिई जांछ | वर्ष २०१६ क लिजी नार छ – तम्बाकू रहित युवा ( tobacco free youth) जैक उद्देश्य छ नौजवानों में धूम्रपान कि लत रोकण |

     तमाकुक सबै उत्पादों में जो चार हजार रसायन हुनी उनु में कुछ यास जहरिल हुनी जैक वजैल सेवनकर्ता कैं नश हुंछ | जब लै यूं रसायनिक तत्वोंकि वीक खून में कमी ऐंछ उ तमाकु या धूम्रपान ढूँढण लागि जांछ | यूं जहरिल तत्वों में निकोटिन, टार और कार्बन -मोनो- आक्साइड मुख्य हिंछ  जो मनुष्य क लिजी भौत घातक हुनीं | तमाकु क सेवन ल हमूकैं शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक नुकसान हुंछ | हर रोज दस बटि पचास रुपै तक धूम्रपान पर खर्च करणी मैंस साल में आपणि  जेबाक चार हजार बटि बीस हजार रुपै तक भष्म करि द्यूंछ और बद्याल में गिच, मसुड़, गव, फेफड़ सहित शरीर क कएक अंगों में कैंसर जास भयंकर  रोगों क शिकार है जांछ |

     क्वे लै मैंस कोई नश, धूम्रपान, तमाकु, गुटखा, सुरती, खैनी, जर्दा, गांज, चरस, अत्तर, नश्वार क प्रयोग करण आपण मितुरों, दगडियों, सहपाठियों, सहकर्मियों, सहयात्रियों और संगत बटि सिखूँ | कुछ लोग त तमाकु -नश- धूम्रपान कैं महिमामंडित लै करनी | देवभूमि में ‘जागर’ में डंगरियों कैं ‘भंगड़ी’ क रूप में सुल्प या ह्वाक में तमाकु या चरस- गांज भरि बेर दिई जांछ, (अब शराब लै दिई जांरै) जैक य मतलब बतायी जांछ कि  डंगरिय में नश पी बेर आत्मज्ञान पैद हुंछ | कीर्तन मंडलि में लै सिगरट या सुल्प में भरि बेर ‘शिवजी की बूटी’ क नाम ल चरस पीई जैंछ जैकैं बाबाओं क खुलि बेर समर्थन और संरक्षण प्राप्त छ | यूं लोग खुद त पीनी और दुसार लोगों कैं लै अप्रत्यक्ष रूप ल नश पेउनी |

      क्वे बैठक या चौपाल में एक ठुलि चिलम (फरसी) में एक साथ कएक  लोग तमाकु दगाड़ में पीनी |  इनुमें अगर एक कैं लै टी बी (क्षय) ह्वली तो  चिलम दगाड में पीण ल सबू में फ़ैल सकीं | देवभूमि में बारातों में लै बीड़ी- सिगरट बड़ी शान ल बांटी जानीं | बरेतियों या घरेतियों कैं नाश्ता और भोजन क बाद एक ट्रे या थाइ में बीड़ी- सिगरट लै परोसी जानीं | मुफ्त में मिलनी तो सबै पीनी | नान लै लुकि-लुकि बेर पीनी | नि पिणी लै गिच पर लगै ल्हिनी | ‘मुफ्त क चन्दन घैंस म्यर नंदन’ वालि कहावत क प्रैक्टीकल देखण में औंछ | यसिकै मजाक में या मुफ्त में हाम धूम्रपान करण सिखि जानूं |

       धूम्रपानक विरोध में आयोजित एक जनजागृति कक्षा में कुछ लोगोंल पुछौ, “सर भोजन करण बाद एकदम धूम्रपान क चटांग या हुड़क क्यलै उठीं?” यह सवाल सही छ | यस अक्सर हुंछ | धूम्रपान करणियांक खून में    निकोटिन जब तक एक निश्चित मात्रा में रांछ, उनुकैं क्ये लै परेशानी नि हुनि | भोजन करते ही उनर खून में निकोटिन क स्तर घटण फै जांछ क्यलै कि  निकोटिन कैं कल्ज (लीवर) निष्क्रिय करि द्यूंछ और भोजन क पश्चात लीवर में खूनकि बढ़ोतरी हुण फै जींछ | लीवर में ज्यादै खून पुजण क वजैल उमें  निकोटिन क स्तर निष्क्रिय हुण फै जांछ और धूम्रपान करणी कैं परेशानी अर्थात निकोटिन कि जरवत महसूस हुण फै जींछ ज्येक वजैल उ भोजन क तुरंत बाद धूम्रपानक लिजी या तमाकु या गुट्ख (या अन्य नशा) क लिजी तड़फण फै जांछ | 

     य विषय भौत ठुल छ | बात ख़तम करण चानू | जब जागो तब सवेरा | अगर आपूं, आपण क्वे मितुर, परिजन, संबंधी, सहकर्मी या कोई अनजान आपूं कैं धूम्रपान करते या गुटखा- तमाकु खाते हुए नजर ऐ जो तो एक बार विनम्रता क साथ जरूर कौ, “आपण कल्ज नि फुक, फेफड़ में छेद नि कर,   कैंसर कैं नि बला, आपण शरीर नि सुखा, ख़म-ख़म करनै हूं त्यार आंख वड्यार न्हैगीं, आपण नान और घरवाइ क उज्यां चा |” धूम्रपान क सेवन करणी या गुट्ख खणी एक ता जरूर सोचल | मील प्रयास करौ और कतुक्वा कैं नश है मुक्ति मिलि गे | एक ता आपूं लै करि बेर देखो त सही, भौत भल लागौल ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
३१.०५.२०१९

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