Monday 27 May 2019

Dahej : दहेज

मीठी मीठी - 282 : दहेज से नफ़रत करो

    'दहेजलोभी परिवार ने दहेज नहीं मिलने पर बारात वापस गई या थाने पहुंच गई', हम आए दिन इस तरह के समाचार सुनते हैं । दहेज नहीं लेने की बात तो सब करते हैं परंतु परोक्ष रूप से दहेज के लिए दबाव भी डालते हैं । कुछ दूल्हे कहते हैं 'जो दोगे अपनी बेटी को दोगे, मुझे कुछ नहीं चाहिए' और दहेज स्वीकार कर लेते हैं ।

      बैतूल (म प्र) में विगत वर्ष एक दूल्हे ने दहेज में दिया हुआ सामान लेने से इनकार कर दिया । विवाह गायत्री परिवार से जुड़े रीति-रिवाजों के साथ हुआ । सभी लोग दूल्हा-दुल्हन के लिए उपहार लाये थे लेकिन दूल्हे ने दहेज में आये कपड़े, गहने और बर्तन सहित सभी सामान लेने से इनकार कर दिया और एक रुपया भी नहीं लिया । दूल्हा बोला, "मेरे लिए दुल्हन ही सबकुछ है, दहेज व्यर्थ है ।" 

      अंत में दूल्हे के आग्रह को मान लिया गया और बिना दहेज के दुल्हन की खुशी खुशी विदाई हुई । आशा है  हमारे समाज में गहरी जड़ जमाई दहेज प्रथा को उखाड़ने के लिए अविवाहित युवक इस उदाहरण से कुछ तो सीखेंगे । कुछ दूल्हे तो अवश्य ही इस मार्ग पर चलेंगे ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
26.05.2019

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