Monday 1 April 2019

Hamari bhasha : हमरि भाषा

मीठी मीठी - 256 : हमरि भाषा

"हमरि भाषा भौत भलि
करि ल्यो ये दगै प्यार,
बिन आपणि भाषा बलाइये
नि ऊँनी दिलकि बात भ्यार ।''

     हमरि भाषा कुमाउनी, गढ़वालि और जौनसारी आजि तक संविधान क आठूं अनुसूची में नि पुजि रइ । अब तक हमरि भाषा क चार साहित्यकारों कैं साहित्य अकादमी भाषा पुरस्कार लै मिलि गो जबकि लाख कोशिश करण पर लै उत्तराखंड में हमरि भाषा अकादमी नि बनि रइ । 10 मुख्यमंत्रियों कि सरकारक क्वर आश्वासनल हमेशा हमर क्वथोव जरूर भरियौ ।

     दिल्ली सरकारल लै हमूकैं हमरि भाषा अकादमी बनूणक आश्वासन दि रौछ । हमर प्रयास लै चलि रौ । कुमाउनी और गढ़वालि साहित्यकारों हैं निवेदन छ कि कलम रोकिया झन । पाठकों हैं लै निवेदन छ कि हमार पास साहित्य कि कमी न्हैति पर सबूं क घर में कुछ किताब तो हमार साहित्यक जरूर हुण चैनी ताकि हाम आपणि भाषा कि चर्चा आपण नानतिना हैं करि सकूं । सबै लोग आपणि भाषा में बात करनी, हमूल लै आपणि भाषा में बात करण में नि शर्माण चैन । भाषा व्यवहार में रौण चैंछ । उम्मीद छ हमरि बात पर सबै मितुर गौर कराल ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
02.04.2019

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