Wednesday 24 April 2019

Janhit sarvopari : जनहित सर्वोपरि

मीठी -मीठी -265 : जनहित ही सर्वोपरि

   खरी -खरी तो लगातार कह ही रहा हूं । संग में मीठी-मीठी भी गतिमान है  । 24 अप्रैल 2017 को जब देश की आंखें सुकमा में जान देने वाले 25 शहीदों के लिए नम हो रहीं थीं , उसी दिन एक पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार 101 गरीब जोड़े विवाह बंधन में बंध गए । इन 101 जोड़ों में 93 हिन्दू, 6 मुस्लिम,1 सिक्ख तथा 1 ईसाई समुदाय से थे ।

     गरीब परिवारों के हित किये गए इस सर्वप्रिय विवाह समारोह का आयोजन सहारा शहर लखनऊ में सहारा इंडिया परिवार द्वारा किया गया । वर्ष 2004 से आरंभ इस सामूहिक विवाह समारोह का यह 12वां आयोजन था जिसमें तब तक 1212 जोड़े विवाह बंधन में बंध गये थे । इन सभी जोड़ों को गणमान्य लोगों ने आशीर्वाद दिया एवं गृहस्थी की बुनियादी वस्तुएं भेंट की गईं ।

    कई लोग समाज में कई तरह के कार्य करते हैं जिनमें जनहित के बजाय आडम्बर, पाखंड, अंधविश्वास, रूढ़िवाद, ढकोसला और दिखावा अधिक होता है ।  ऐसे कृत्यों से दूर रह कर जनहित - देशहित  के कार्यों में योगदान देना ही समाजोपयोगी कार्य कहा जायेगा । जल-स्रोतों का संरक्षण - स्वच्छता और पौध रोपण कर धरा का श्रंगार करना भी सर्वोत्तम कर्म है । सहारा इंडिया एवं इसी तरह की सोच रखने वालों को दिल से साधुवाद ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
24.04.2019

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