Wednesday 16 January 2019

Utraini : उतरैणी

मीठी मीठी - 216 : राजधानी में उतरैणी आयोजन

     कल 14 जनवरी 2018  सोमवार को देश के  राजधानी क्षेत्र में उतरैणी महोत्सव कई जगहों पर बड़ी धूम-धाम से मनाया गया । दिल्ली सरकार ने इस बार उत्तराखंड की 62 पंजीकृत संस्थाओं को इस पावन पर्व को मनाने के लिए आर्थिक सहयोग दिया था । यह सहयोग विगत 4 वर्ष से मिल रहा है । पहले वर्ष 4 स्थानों, दूसरे वर्ष 20 स्थानों और इस वर्ष 32 स्थानों पर दिल्ली सरकार के सहयोग से उतरैणी मनाई गई । इस सहयोग के लिए दिल्ली सरकार को साधुवाद ।

     उतरैणी का दिन बहुत व्यस्त रहा । कई जगह से आमंत्रण था । मात्र दो जगहों पर उपस्थिति दर्ज करा सका । सबसे पहले प्रातःकालीन सत्र में देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक- सामाजिक विकास संगठन (पंजी), रोहिणी सेक्टर 3 दिल्ली औऱ अपरान्ह सत्र में उत्तराखंड भ्रातृ मण्डल (पंजी) अवन्तिका दिल्ली में अपने समाज के बीच उतरैणी के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रसास्वादन किया । दोनों ही संस्थाओं  की पूरी टीम को इस सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामना ।

       सेक्टर 3 के सांस्कृतिक आयोजन को दिव्य कला संगम केंद्र पटेल नगर दिल्ली के कलाकारों ने सुश्री देवकी शर्मा के निर्देशन में प्रस्तुत किया । इस अवसर पर लोकगायक बिसन हरियाला, देवकी शर्मा, मोहन चन्द्र मिश्रा, योगेन्द्र कुकरेती सहित कई गायकों और कलाकारों ने सुन्दर गीत-नृत्य प्रस्तुत किये । कला संगम की टीम द्वारा प्रस्तुत दो नाट्य प्रस्तुतियों - पलायन की व्यथा और विवाह संस्कृति को दर्शकों ने खूब सराहा । इस अवसर पर संगीतकार चंचल प्रसाद गिरी जी, वरिष्ठ समाजसेवी श्री के एस बिष्ट (बिष्ट प्रोपर्टीज) सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे । संस्था के अध्यक्ष श्री नारायन दत्त लखेड़ा, वरिष्ठ समाजसेवी भूपाल सिंह बिष्ट  एवं उनकी टीम के अथक प्रयास से आयोजन सफल रहा ।

        अपराह्न में आयोजित किये गए उत्तराखंड भ्रातृ मण्डल (पंजी) अवन्तिका दिल्ली के सांस्कृतिक कार्यक्रम को सजवाण म्यूजिकल ग्रुप साकेत दिल्ली द्वारा प्रस्तुत किया गया । इस आयोजन में भी दर्शकों ने उत्तराखंड की गीत-गंगा का आनन्द प्राप्त किया । संस्था के अध्यक्ष श्री एन डी लखेड़ा और उनकी टीम का इस सफल आयोजन के लिए भरपूर सहयोग रहा ।

     हमारे समाज ने एकजुटता दिखा कर राजधानी में अपनी पहचान बनाई है  । इसके लिए सभी मित्रों को साधुवाद । उठे हुए कदम आगे को बढ़ते रहें, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए और अपनी एकजुटता की मशाल को निरंतर प्रज्ज्वलित रखने के लिए दृढ़ संकल्प करना चाहिए । इस पावन अवसर पर हमें अपनी भाषा, संस्कृति, साहित्य और संस्कारों का संरक्षण करते हुए इन्हें संजोए रखने का भी दृढ़ संकल्प करना होगा । सभी मित्रों को उतरैणी/मकरैणी की बहुत -बहुत शुभकामनाएं ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल
15.01.2019

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