Wednesday 30 January 2019

Rasik ramaul : रसिक रमौल

मीठी मीठी - 227 : पर्वतीय कला केन्द्र के स्वर्ण जयंती वर्ष पर "रसिक रमौल"

     राष्ट्रीय रंगमंच के जानेमाने संगीत निर्देशक रहे दिवंगत  मोहन उप्रेती व उत्तराखंड के अनेको प्रबुद्ध प्रवासियों द्वारा सन 1968 दिल्ली प्रवास में स्थापित सांस्कृतिक संस्था पर्वतीय कला  केद्र का तीन दिनी कार्यक्रम 29 जनवरी को दिल्ली के मंडीहाउस स्थित एल टी जी सभागार में अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य  नाट्य-मंचन  देेेखने का अवसर मिला ।

       इस अवसर पर संस्था से निरंतर जुड़े रहे कलाकारों, दिल्ली प्रवास मे उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को विगत कई दशकों से नित नए आयाम दे रही संस्थाओं व प्रसिद्ध लोकगायकों को सम्मानित होते हुए भी देखा ।

     पर्वतीय कला केंद्र द्वारा दिवंगत ब्रजेन्द्र लाल साह रचित व दिवंगत मोहन उप्रेती द्वारा संगीतवद्ध उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध गीत नाट्य "रसिक रमौल'' का बहुत शानदार मंचन हुआ । इस गीत नाट्य का निर्देशन अमित सक्सेना व संगीत संयोजन डॉ पुष्पा बग्गा ने किया । अभिनय की दृष्टि से सभी कलाकारों का उत्कृष्ट अभिनय था । "द्वि भाई रमौला....सिदुवा बिदुवा...." गीत की धुन और सुर बहुत ही लुभावने लगे । 'कफुवा' पक्षी, तितलियां, सभी सुंदर । गीत-नाटिका में रूपसज्ज़ा, ड्रेस, अस्त्र औऱ दृश्य भी अद्भुत ।  कार्यक्रम 31 जनवरी को भी होगा ।

     उत्तराखंडी लोकधुनों पर आधारित गीत- संगीत भी बहुत कर्णप्रिय था तथा अमित सक्ससेना जी का निर्देशन और डॉ पुष्पा तिवारी बग्गा का संगीत संयोजन भी दर्शकों को खूब भाया । इस सुंदर गीत-नाटिका के सफल मंचन के लिए पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली के सी डी तिवारी, जनरल सेक्रेटरी महेन्द्र सिंह लटवाल तथा पूरी टीम को बधाई और शुभकामना ।

पूरन चन्द्र काण्डपाल


31.01.2019


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