Monday 7 January 2019

Pyaar kariye magar : प्यार करिये मगर

खरी खरी - 369 : प्यार करिये मगर...उन्हें मत बिसारिये

      ( खरी खरी -367 (07.01.19) से ही संदर्भित ) बूबू कालिदास से लेकर बूबू शेक्सपियर तक सबने कहा है कि प्यार करना गुनाह नहीं है परंतु इन्होंने प्यार को अँधा भी बताया है । हम अंधे प्यार करने वाले न बनें । कुछ लोग कहते हैं प्यार किया नहीं जाता हो जाता है । जब तक दिल का आदेश नहीं होगा तब तक यह कैसे हो जाएगा ? ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि मन लगा गधी पर तो परी क्या चीज है ? हम पेड़ या पत्थर से तो नहीं उगे । दिल- दिमाग से सोचना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं और किधर जा रहे हैं ?

      हम बालिग़ या बड़े सिर्फ इसी स्वच्छंदता के लिए तो नहीं हुए कि दिवाने हो जाएं और अपनों को ही रास्ते से हटा दें । यह विषय बहुत बड़ा है, गंभीर है और गूढ़ है । मां- बाप को भुला देना इतना आसान भी नहीं है । इस बात का पता प्यार का खुमार उतरने के बाद चलता है । इसलिये प्यार करिये, प्यार को मंजिल तक पहुंचाइये मगर उन्हें मत बिसारिये जिन्होंने आपको प्यार करने लायक बनाया । हमें याद रखना चाहिए कि हमें कहाँ तक स्वीकारा जा सकता है और कहाँ तक नहीं ?

पूरन चन्द्र काण्डपाल
08. 01. 2019

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